मानसरोवर द स्कूल में विद्यालय का तीसरा स्थापना दिवस मनाया
Mansarovar The School – मानसरोवर द स्कूल में ३ वर्ष पूर्व सुधांशु महाराज के आशीर्वाद से विद्यालय की स्थापना की थी। स्थापना दिवस के तीसरे वर्ष के आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में नपाध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर एवं श्रीराम मंदिर, शिव मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, एकीकृत ट्रस्ट के संचिव नवनीत गर्ग उपस्थित हुए। इसके अलावा स्कूल संचालन समिति के चेयरमैन डॉ. विनय सिंह चौहान, उपाध्यक्ष लीलाराम सरले, सचिव पंकज साबले, डायरेक्टर पुष्पलता साबले, कोषाध्यक्ष हेमराज (अन्नू) जसूजा, समिति सदस्य रेखा जसूजा, मनोरमा चौहान आरती सरले की भी गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का आरम्भ छात्रों ने मार्च पास्ट के साथ किया। गुरुदेव का पूजन, मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं गुरु वंदन के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों ने विद्यालय के आरम्भ से वर्तमान तक के अपने सभी अनुभव साझा किये।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नवनीत गर्ग ने अपने संबोधन में बताया कि स्कूल के नाम में मानसरोवर जुड़ा हुआ है जो विश्व के सबसे बड़े धार्मिक स्थल कैलाश मानसरोवर का प्रतिक भी है। श्री गर्ग ने यह भी कहा कि स्कूल का सबसे अच्छा अर्थ यह निकलता है कि सरोवर जैसी गहराई से सभी विद्यार्थियों को अपने गुरुजन और पालकों का मान-सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर नपाध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर ने अपने सम्बोधन में छात्रों को बताया के बच्चो को तरक्की करना है तो बड़ो का सम्मान करना चाहिए।
कार्यक्रम में बाल कलाकारों द्वारा विद्यालय गीत एवं गुरुदेव के लिए भजन का गायन किया गया। विद्यालय की शिक्षिकाओं द्वारा देवी गीत पर एक सुन्दर नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए छात्रों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीया श्रेणी में पुरस्कारों का वितरण अतिथियों एवं समिति के सदस्यों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं समिति के सभी सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये। समिति के चेयरमैन विनय सिंह चौहान ने बताया कि गुरुदेव के विचारो एवं प्रेरणा से ही विद्यालय की स्थापना की गयी, सभी छात्रों को गुरुदेव के विचारो से शिक्षा व प्रेरणा लेनी चाहिए।
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