Mahakal Mandir Me Darshan – देश विदेश में प्रशिद्ध महकलेश्वर मंदिर से एक अच्छी खबर सामने आ रही है जिसमे बताया जा रहा है की श्रद्धालु अब सप्ताह में चार दिन बिना शुल्क के गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। श्रद्धालुओं को दोपहर में एक बजे से 4 बजे तक गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा।
मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर आशीष सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि मुफ्त दर्शन की यह व्यवस्था मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और रविवार को रहेगी। इन चार दिनों में दोपहर 1 से 4 बजे नि:शुल्क दर्शन होंगे। इसके अलावा सुबह और शाम को गृर्भगृह(Mahakal Garbh Grah Darshan) से दर्शन के लिए 1500 रुपए वाली व्यवस्था भी जारी रहेगी। अब तक गर्भगृह से महाकाल के दर्शन के लिए 1500 रुपए लिए जा रहे थे। बुधवार को नई दर्शन व्यवस्था का आखिरी ट्रायल किया गया और इसे लागू कर दिया गया।
पास व्यवस्था से भी होंगे दर्शन(Mahakal Mandir Me Darshan)
आम श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह से दर्शन कर सकें इसके लिए भी प्रयास जारी हैं प्रशासन की सफलता भी इसी चीज में हैं कि श्रद्धालु नजदीक से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें। शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर बाकी दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कम रहती है। दोपहर एक से चार बजे तक श्रद्धालुओं को बिना शुल्क के दर्शन कराना शुरू कर दिया है।
शाम के बाद गर्भगृह में नहीं होगा प्रवेश(Mahakal Mandir Me Darshan)
महाकालेश्वर मंदिर समिति ने मंगलवार से श्रद्धालुओं को भी गर्भगृह(Mahakal Garbh Grah Darshan) में प्रवेश देने की व्यवस्था शुरू की है। बुधवार को भी दोपहर 1 से संध्या 4 बजे तक प्रवेश दिया गया। संध्या पूजन के कारण शाम 4 बजे के बाद बाहर से दर्शन हो सकेंगे। एक घंटे के दौरान दो से ढाई हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस व्यवस्था से श्रद्धालु भी खुश हो गए। मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने कहा कि व्यवस्था के तहत दर्शनार्थी सुविधापूर्वक दर्शन कर सकें।
इस समय कटानी होगी रसीद(Mahakal Mandir Me Darshan)
तय दिनों के अलावा बाकी दिनों में भी सुबह 6 बजे से दोपहर एक बजे तक गर्भगृह में जाकर दर्शन करने के लिए 1500 रुपए की रसीद लेनी होगी। मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी का कहना है कि बुधवार को भी गर्भगृह में प्रवेश दिया गया था। इस दौरान लाइन में लगे श्रद्धालुओं की भावना को देखते हुए नंदी हाॅल से दर्शन कराया गया। आने वाले समय में भी भक्तों की संख्या के आधार पर यह व्यवस्था जारी रहेगी।