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आईटी सेक्टर में मध्यप्रदेश करेगा अपनी विशेष पहचान स्थापित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि वर्तमान और भविष्य की तकनीक का आधार आईटी है। प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों का विस्तार करते हुए समय के साथ चलने के लिए आईटी सेक्टर में निवेश और गतिविधियों का विस्तार आवश्यक है। इसी उद्देश्य से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद पहली सेक्टर आधारित कॉन्क्लेव आईटी पर केन्द्रित की जा रही है। प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में आईटी इंडस्ट्री का पर्याप्त आधार विद्यमान है। राज्य सरकार आवश्यक सहयोग और समर्थन उपलब्ध कराकर प्रदेश की आईटी इंडस्ट्री को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर तक व्यापक स्वरूप देने की इच्छुक है। इंदौर में 27 अप्रैल को होने वाली "टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव" इस दिशा में निश्चित ही परिणाममूलक रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में होने वाली आईटी कॉन्क्लेव के संबंध में विभिन्न जिलों के उद्योगपतियों से समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) से वर्चुअली संवाद कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद में उद्योगपतियों ने आईटी पार्क के विस्तार की आवश्यकता बताई। साथ ही आईटी के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगपतियों ने दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए शिक्षा और औद्योगिक गतिविधियों में समन्वय, स्टार्ट-अप में उद्यमिता की संस्कृति को विकसित करने, प्राकृतिक गैस पर टैक्स कम करने और प्रदेश में स्टार्ट-अप कम्युनिटी के मध्य बेहतर समन्वय संबंधी चर्चा भी की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव से संवाद में वॉक-टू-वर्क सुविधा के साथ आईटी पार्क विकसित करने, प्रदेश में डिजिटल इकोनॉमी मिशन लागू करने और एआई आधारित गतिविधियों की अन्य उद्योगों में स्वीकार्यता बढ़ाने की दिशा में कार्य करने पर भी विचार-विमर्श हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योगपतियों की पहल और नवाचार की सराहना करते हुए उन्हें गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह संवाद राज्य शासन और आईटी के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगपतियों के बीच मजबूत रिश्तों का आधार बनेगा और सबके सहयोग से मध्यप्रदेश आईटी सेक्टर में अपनी विशेष पहचान स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल और इंदौर में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न उद्योगपतियों से संवाद किया। जबलपुर के चंद्रेश वीरा प्रेम संस इंटरप्राईजेस और अनुराग श्रीखंडे इंटेनिक्स प्रायवेट लिमिटेड से चर्चा की। ग्वालियर के धर्मेन्द्र कुमार यादव स्मार्ट कंट्रोल इंडिया लिमिटेड, अनुराग श्रीवास्तव आईआईआईटीएम, राजेश खन्ना एसआरएफ लिमिटेड, मुकुल चतुर्वेदी सूर्या रोशनी लिमिटेड और कृष्णकांत चतुर्वेदी कोमोनिफाय वेंचर प्रायवेट लिमिटेड से चर्चा की। भोपाल के मितेश लोकवानी एचएलबीएस, सारंग वर्मा एपोंइटी और अभिषेक गुप्ता वी विन से चर्चा की। इंदौर के संजीव अग्रवाल इम्पेटस, नरेंद्र सेन रेकबैंक, धर्मेंद्र जैन यश टेक्नोलॉजी, सुशानू मेहता एमएमसी कोन्वेर्टर और आदित्य शास्त्री डेटा प्योर से चर्चा की। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को उनकी कम्पनियों के कार्यों, निवेश, रोजगार की जानकारी से अवगत कराया। आईटी और संबंधित क्षेत्रों में मध्यप्रदेश को अग्रणी बनाने के संबंध में सुझाव भी दिए।

अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने 27 अप्रैल को आयोजित "टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव" के कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीसीसी, ड्रोन, एवीजीसी और सेमीकॉन नीति के संबंध में चार राउंड टेबल मीटिंग का आयोजन किया जाएगा। सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत गठित सलाहकार बोर्ड के सदस्यों से वीसी के माध्यम से चर्चा की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम में टेक डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश की फिल्म प्रस्तुति, विभिन्न इकाइयों का भूमि-पूजन किया जाएगा। कार्यक्रम में नवीन स्थापित सेन्ट्रल ऑफ एक्सीलेंस और इन्क्यूबेशन सेन्टर का उद्घाटन भी किया जाएगा। चिहिन्त इकाइयों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किए जाएंगे एवं आवंटन-पत्र भी सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की चार नीतियों जीसीसी नीति, ड्रोन नीति, सेमीकंडक्टर एवं एवीजीसी नीतियों की गाईड लाइंस भी जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में आईटी एवं संबंधित क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों, निवेशकों के साथ वन-टू-वन बैठकों का आयोजन भी किया जाएगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेन्द्र कुमार सिंह, एमडी एमपीएसईडीसी आशीष वशिष्ठ, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एमपीएसईडीसी गुरू प्रसाद सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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