Madhya Pradesh: भोपाल: मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी पंजीकृत किसानों से की जाएगी। ज्वार और बाजरे की खरीदी 22 नवंबर से और धान की खरीदी 2 दिसंबर से शुरू होगी। इस प्रक्रिया की नोडल एजेंसी नागरिक आपूर्ति निगम होगी, जबकि भंडारण का कार्य राज्य भंडार निगम को सौंपा गया है।उपज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी की होगी। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए स्लॉट बुकिंग करवानी होगी, ताकि उन्हें लंबा इंतजार न करना पड़े। यदि उपार्जन नीति का पालन करने में किसी प्रकार की लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
खरीफ फसलों की खरीद नीति जारी
खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद नीति जारी कर दी गई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के अनुसार, धान, ज्वार और बाजरा की खरीद मात्रा का निर्धारण पिछले तीन वर्षों की औसत खरीद और बोवनी क्षेत्र के आधार पर किया जाएगा।
खरीदी केंद्रों का निर्धारण
प्राथमिकता के आधार पर गोदामों और केप परिसरों में खरीदी केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि अनावश्यक परिवहन को रोका जा सके। सहकारी समिति स्तर पर केंद्रों का निर्धारण किसानों के पंजीयन और बोवनी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।धान की खरीदी के लिए 46% पुराने और 54% नए जूट के बोरे इस्तेमाल किए जाएंगे, जबकि ज्वार और बाजरा के लिए केवल नए जूट के बोरे प्रयोग में लाए जाएंगे। उपज की गुणवत्ता का परीक्षण उपार्जन एजेंसी के दायित्व में शामिल होगा।
मंडियों में समर्थन मूल्य का पालन
कृषि उपज मंडियों में धान, ज्वार और बाजरा की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर नहीं होगी। यदि उपज औसत गुणवत्ता से कम है, तो उसका नमूना लिया जाएगा। फसल क्षेत्र का सत्यापन राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। धान की उपज को उपार्जन केंद्र या गोदाम से सीधे मिलर्स को सौंपा जाएगा, और परिवहन की जिम्मेदारी मिलर्स की होगी।
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