Madhya Pradesh: राज्य के जिले और संभागों की सीमाएं एक बार फिर नए सिरे से तय

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मध्य प्रदेश के जिलों और संभागों की सीमाओं में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने नए जिलों और एक नए संभाग के गठन की योजना बनाई है। इसके साथ ही, कुछ तहसीलों को नए जिलों में शामिल करने और कुछ नए तहसील बनाने का भी प्रस्ताव है। चित्रकूट तहसील, सतना जिले की नई तहसील के रूप में 24 नवंबर को अस्तित्व में आ जाएगी, और इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है।

प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग

प्रदेश में जिलों, संभागों, और तहसीलों की सीमाओं के पुनर्गठन के लिए सरकार ने सितंबर 2024 में प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन किया। इस आयोग में रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवास्तव और मुकेश कुमार शुक्ला सदस्य हैं। आयोग अब तक भोपाल, सागर और ग्वालियर संभागों के कलेक्टर्स के साथ बैठक कर चुका है और बाकी संभागों की बैठकें इसी महीने में होंगी। इसके बाद आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा।

संभावित नए जिले और उनकी सीमाएं

पिपरिया (नर्मदापुरम से अलग) – नर्मदापुरम जिले से करीब 70 किमी दूर स्थित पिपरिया को नया जिला बनाने का प्रस्ताव है। पहाड़ी इलाका होने के कारण जिला मुख्यालय तक पहुंचने में काफी समय लगता है, और लंबे समय से इसे जिला बनाने की मांग की जा रही है।

सिरोंज (विदिशा से अलग) – सिरोंज, विदिशा से 85 किमी दूर है, जिससे स्थानीय लोगों को प्रशासनिक कार्यों में कठिनाई होती है। प्रस्ताव है कि इसे नया जिला बनाया जाए और इसमें लटेरी तहसील और आनंदपुर ग्राम पंचायत को शामिल किया जाए। हालांकि, आनंदपुर को गुना जिले में शामिल करने का सुझाव भी दिया गया है। साथ ही, पर्यटन स्थल सांची को विदिशा में शामिल करने की योजना है, जो वर्तमान में रायसेन जिले का हिस्सा है।

बीना (सागर से अलग) – बीना को जिला बनाने की मांग पिछले 40 वर्षों से हो रही है। बीना, सागर से 75 किमी दूर है, और अगर इसे नया जिला घोषित किया जाता है, तो इसके अंतर्गत खुरई, मालथौन, बांदरी, कुरवाई, पठारी और प्रस्तावित खिमलासा तहसील को शामिल किया जा सकता है।

नई तहसील – चित्रकूट

सतना जिले में चित्रकूट तहसील का गठन किया गया है, जो सतना की नौवीं तहसील होगी। यह मझगंवा तहसील से विभाजित होकर बनाई गई है, जिसमें 111 गांव शामिल किए गए हैं। चित्रकूट की सीमाएं उत्तर प्रदेश और एमपी के पन्ना जिले से लगेंगी।

बुधनी – नर्मदापुरम में शामिल होने की संभावना

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का क्षेत्र बुधनी, सीहोर जिले के अंतर्गत आता है, लेकिन बुधनी से सीहोर की दूरी 106 किमी है। बुधनी, नर्मदापुरम से मात्र 8 किमी की दूरी पर है, इसलिए इसे नर्मदापुरम में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।इन बदलावों से प्रदेश की प्रशासनिक इकाईयों का पुनर्गठन होगा, जिससे जनता को प्रशासनिक कार्यों में सुविधा होगी।

source internet साभार…