Leh Ladakh Protest: लद्दाख में बीते दो दिनों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। सोनम वांगचुक की 15 दिन की भूख हड़ताल और युवाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद 24 सितंबर को अचानक हिंसा भड़क गई। इसके बाद प्रशासन ने तुरंत कर्फ्यू और धारा 163 CrPC लागू कर दी। आइए जानते हैं अभी लद्दाख की ताज़ा स्थिति क्या है।
24 सितंबर को भड़की हिंसा
बुधवार यानी 24 सितंबर को लद्दाख में प्रदर्शनकारी अचानक हिंसक हो गए। यह प्रदर्शन वांगचुक की भूख हड़ताल को लेकर था, जिसमें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा (Statehood) देने की मांग उठाई जा रही है। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए कार्रवाई की और अब तक करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
27-28 सितंबर को होगी अहम बैठक
हिंसा के बाद केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। गृह मंत्रालय की एक टीम लद्दाख पहुंची और हालात का जायज़ा लिया। इसके बाद फैसला हुआ है कि 27 और 28 सितंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक होगी। इसमें Leh Apex Body, Kargil Democratic Alliance और स्थानीय सांसदों को बुलाया गया है। बैठक में लद्दाख के लोगों की मांगों और हितों पर चर्चा की जाएगी।
धारा 163 लागू, कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
लद्दाख और कारगिल दोनों जगहों पर धारा 163 CrPC लागू कर दी गई है। इसके चलते कर्फ्यू जारी है और इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने साफ कहा है कि बिना अनुमति के कोई भी रैली, जुलूस या प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।
लोगों की मुश्किलें बढ़ीं
कर्फ्यू और इंटरनेट बंद होने से आम लोगों की परेशानियां बढ़ गई हैं। छात्र अपनी पढ़ाई और परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं, वहीं व्यापारियों को भी नुकसान हो रहा है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि स्थिति अब काबू में है और हालात सामान्य करने के प्रयास जारी हैं।
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क्या है आंदोलन की मुख्य मांग?
प्रदर्शनकारियों और सोनम वांगचुक की मुख्य मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और यहां के लोगों को उनकी पहचान और अधिकार मिलें। लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार को अब इस पर ठोस कदम उठाना चाहिए।