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इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के खिलाफ वकीलों का विरोध जारी, आज भी प्रदर्शन

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों के आंदोलन और हड़ताल के बीच न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट कर दिया गया. जिससे वकीलों में भारी आक्रोश है, और उन्होंने जज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने कानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से मुलाकात की. साथ ही देर रात 1 बजे की पदाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की है. जिसके मुताबिक आज भी स्ट्राइक जारी रहेगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को लेकर हंगामा मचा हुआ है. शाम 4 बजे दोबारा एक्जेडी कमेटी की बैठक बार एसोसिएशन की लाइब्रेरीहॉल में होगी. जिसमें स्ट्राइक के अगले कदम पे चर्चा होगी. इलाहाबाद और लखनऊ के 104 सीनियर सदस्य और बार एसोसिएशन मे 20 साल के पूर्व अध्यक्ष और सेक्रेटरी शामिल होंगे. 104 सदस्यों और 20 पूर्व अध्यक्ष और सेक्रेटरी को लेटर के जरिए आव्हान किया जाएगा. बैठक का हल तय करेगा की स्ट्राइक जारी या बंद हो जाएगी.

अनिल तिवारी ने बताया कि, फोटो एफिडेविट सेंटर 29 मार्च से खुलेगा. मकदमेबाजों को फोटो एफिडेविट सेंटर बंद की दिक्कत से राहत मिली. 29 मार्च का दिन देश की न्यायिक व्यवस्था के इतिहास में ब्लैक डे है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम मेम्बर्स ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 1 मांग सुनी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा को न्यायिक कार्य नहीं मिला. हाईकोर्ट बार से हटके ये लड़ाई राष्ट्र, लोकतंत्र, देश की न्यायपालिका, असहाय आवाज, पिछड़े और वादी प्रतिवादी की है. न्यायिक व्यवस्था से अनुरोध देश की न्यायपालिका की रक्षा करे.

गौरतलब है कि जस्टिस वर्मा के घर में 14 मार्च को होली के दिन आग लग गई थी. फायर सर्विस की टीम जब उसे बुझाने गई तो स्टोर रूम में उन्हें बोरियों में भरे 500-500 रुपए के अधजले नोट मिले थे. सुप्रीम कोर्ट की बनाई हुई तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने मंगलवार को जस्टिस वर्मा के घर पहुंचकर जांच की थी. टीम उस स्टोर रूम में भी गई, जहां 500-500 रुपए के नोटों से भरीं अधजली बोरियां मिली थीं.

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