भारत के सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि कंपनी या संस्था के लिए काम करने वाले ‘इन-हाउस लॉयर’ (In-House Lawyers) को एडवोकेट (Advocate) नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे वकील अदालत में प्रैक्टिस नहीं करते, इसलिए उन्हें Evidence Act के तहत वकीलों वाली विशेष छूट या Attorney-Client Privilege नहीं मिलेगा। यह फैसला चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिया, जबकि जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने इस पर निर्णय लिखा।
क्या हर लॉ की डिग्री वाला ‘Lawyer’ कहलाता है?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी स्पष्टीकरण दिया कि हर व्यक्ति जिसके पास लॉ की डिग्री है, वह जरूरी नहीं कि ‘Lawyer’ या ‘Advocate’ हो। कोर्ट ने कहा कि वकील कहलाने के लिए Bar Council में रजिस्ट्रेशन और कोर्ट में प्रैक्टिस करना आवश्यक है। जिनके पास केवल डिग्री है लेकिन वे किसी कंपनी में कर्मचारी के रूप में काम करते हैं, उन्हें ‘Legal Consultant’ या ‘In-House Lawyer’ कहा जाता है, न कि एडवोकेट।
कौन होते हैं In-House Lawyers?
इन-हाउस लॉयर वे होते हैं जो किसी कंपनी, संस्था या संगठन के अंदर नौकरी के रूप में काम करते हैं। ये वकील अपने संगठन के कॉन्ट्रैक्ट, कानूनी दस्तावेज, टैक्स या कॉर्पोरेट मामलों को संभालते हैं, लेकिन अदालत में जाकर पैरवी नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन वकीलों को अदालत में पेश होने या ग्राहकों की तरफ से वकालत करने की अनुमति नहीं होती, इसलिए वे एडवोकेट की श्रेणी में नहीं आते।
Attorney-Client Privilege क्यों नहीं मिलेगा?
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन-हाउस लॉयर और उनके नियोक्ता के बीच का संबंध नौकरी का होता है, न कि ग्राहक-वकील का। इसलिए इन-हाउस वकीलों के पास ग्राहकों के लिए मिलने वाला गोपनीयता का अधिकार (Confidentiality Privilege) नहीं रहेगा। यानी जांच एजेंसियां या अदालतें उनके दस्तावेज या ईमेल मांग सकती हैं क्योंकि वे “एडवोकेट-क्लाइंट” की कानूनी परिभाषा में नहीं आते।
सामान्य वकील और इन-हाउस लॉयर में क्या अंतर है?
जहाँ सामान्य वकील (Advocate) कोर्ट में केस की पैरवी करते हैं, वहीं इन-हाउस लॉयर केवल कंपनी के अंदर कानूनी सलाह देने का काम करते हैं। सामान्य वकील स्वतंत्र रूप से क्लाइंट्स के लिए काम करते हैं, जबकि इन-हाउस लॉयर अपने नियोक्ता यानी कंपनी के लिए काम करते हैं। इसलिए दोनों की जिम्मेदारियाँ, अधिकार और पहचान अलग-अलग हैं।




