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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2025:ईमानदारी और सादगी की मिसाल, भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए 5 बड़े कदम

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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2025:आज 2 अक्टूबर को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जा रही है। यह दिन खास है क्योंकि इसी दिन महात्मा गांधी और शास्त्री जी जैसे दो महान नेताओं का जन्म हुआ था। गांधी जी ने जहां सत्य और अहिंसा का संदेश दिया, वहीं शास्त्री जी ने ईमानदारी और भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की सीख दी। उन्हें देश का “ईमानदार नेता” और “सादा जीवन, उच्च विचार” का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं शास्त्री जी के वे ऐतिहासिक कदम जो आज भी मिसाल हैं।

शास्त्री जी ने बनाई CBI

क्या आप जानते हैं कि CBI की शुरुआत लाल बहादुर शास्त्री ने ही की थी? इससे पहले देश में सिर्फ स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट कमेटी थी। शास्त्री जी ने बढ़ते भ्रष्टाचार की शिकायतों को देखते हुए CBI का गठन किया और सभी सरकारी विभागों और कॉन्ट्रैक्ट्स की जांच का आदेश दिया।

पंजाब के CM से मांगा इस्तीफ़ा

उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरोन बेहद प्रभावशाली नेता थे। जांच आयोग ने उनकी संपत्ति और पद के दुरुपयोग की पोल खोली। बड़े-बड़े नेता भी उनसे टकराने से डरते थे, लेकिन शास्त्री जी ने बेखौफ होकर उनसे इस्तीफ़ा मांगा और उन्हें पद छोड़ना पड़ा।

वित्त मंत्री को भी नहीं बख्शा

लाल बहादुर शास्त्री ने ईमानदारी के मुद्दे पर कभी समझौता नहीं किया। वित्त मंत्री टी.टी. कृष्णमचारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे। उन्होंने जांच से बचने की कोशिश की, लेकिन शास्त्री जी ने उन्हें भी पद छोड़ने के लिए मजबूर किया।

बेटे को भी सजा दी

शास्त्री जी ने सिर्फ नेताओं को ही नहीं बल्कि अपने परिवार को भी ईमानदारी का सबक सिखाया। उनके बड़े बेटे हरीकृष्ण शास्त्री पर बिजनेस में गड़बड़ी के आरोप लगे। इस पर नाराज़ होकर शास्त्री जी ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया। बाद में जब आरोप झूठे साबित हुए, तभी वे वापस लौटे।

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अमेरिका से भी नहीं डरे

1965 की जंग में पाकिस्तान को हराने के बाद अमेरिका ने शास्त्री जी को न्योता दिया था, लेकिन दबाव में आकर बाद में इसे वापस ले लिया। इस अपमान को शास्त्री जी ने गंभीरता से लिया और उन्होंने अमेरिका की बजाय सोवियत संघ का दौरा किया। यही उनका आत्मसम्मान और राष्ट्रभक्ति थी।

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