रुद्राक्ष को महादेव का प्रतीक माना गया है। अक्सर कुछ लोग इसे बिना नियम जाने ही पहन लेते हैं। रुद्राक्ष को हाथ में कंगन के रूप में और गले में माला के रूप में धारण किया जाता है। यह महादेव के आंसुओं से उत्पन्न हुआ है। रुद्राक्ष पहनना सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी माना जाता है।
इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो सेहत पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। रुद्राक्ष को अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है।
रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, जैसे एकमुखी रुद्राक्ष, द्विमुखी रुद्राक्ष, त्रिमुखी रुद्राक्ष, चतुर्मुखी रुद्राक्ष, पंचमुखी रुद्राक्ष से लेकर 21 मुखी रुद्राक्ष तक। हर एक का अपना अलग महत्व होता है।
रुद्राक्ष पहनने के नियम
रुद्राक्ष पहनने के कुछ खास नियम होते हैं, लेकिन कई लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं। यदि आप रुद्राक्ष पहनना चाहते हैं, तो सोमवार का दिन बहुत शुभ माना जाता है।
रुद्राक्ष पहनने के लिए पहले इसे दूध और गंगा जल से अभिषेक करना चाहिए, फिर इसे महादेव के पास रखकर पूजा करनी चाहिए। रुद्राक्ष को लाल धागे में पहनना उचित माना जाता है। ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।
रुद्राक्ष के लाभ
रुद्राक्ष के अनेक लाभ होते हैं। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। रुद्राक्ष को तांबे के बर्तन में पानी के साथ रात भर रखा जाना चाहिए और सुबह उस जल से शिवलिंग का अभिषेक करें। इस जल का थोड़ा सा हिस्सा स्वयं भी पियें। ऐसा करने से कई बीमारियां ठीक होती हैं। गले में रुद्राक्ष पहनने से शरीर में रोगों से रक्षा होती है और स्वास्थ्य अच्छा रहता है।