किसानो को माला मॉल बना सकती है इस पेड़ की खेती जो एक बार लगाने पर देती है मोटी कमाई

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जानें, कौनसा है यह पेड़ और इसकी खेती से कितना हो सकता है लाभ

किसानों को परंपरागत फसल की खेती के साथ ही ऐसी फसलों की खेती की ओर  भी ध्यान देना चाहिए जिससे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। कुछ पेड़ ऐसे होते हैं जिन्हें एक बार लगा दो तो वह सालों, साल बहुत अच्छा मुनाफा देते हैं। खास बात यह है कि इन पेड़ों को उगाने में बहुत कम मेहनत लगती और मुनाफा काफी ज्यादा होता है। इससे आप लाखों, कराड़ों रुपए की कमाई कर सकते हैं, क्योंकि इन पेड़ों की लकड़ी की डिमांड बाजार में बहुत रहती है।

इन पेड़ों में एक पेड़ जिसका नाम ऑस्ट्रेलियन टीक है। इसकी खेती करके किसान लाखों, करोड़ों रुपए कमा सकते हैं। बाजार में इस पेड़ की लकड़ी की डिमांड बहुत अधिक है। इस पेड़ की लकड़ी से फर्नीचर बनाए जाते हैं। इमारती लकड़ी रूप में भी इसका उपयोग होता है। ऐसे में इसकी उपयोगिता को देखते हुए किसान इसकी खेती करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं.

ऑस्ट्रेलियन टीक की क्या है विशेषताएं

ऑस्ट्रेलियन टीक के पेड़ से प्राप्त होने वाली लकड़ी मध्यम वजन की होती है। यह काफी मजबूत और टिकाऊ होती है। इसकी इसी विशेषता के कारण इसका उपयोग दरवाजे, खिड़की के फ्रेम और शटर बनाने के में किया जाता है। इसके अलावा इस पेड़ की लकड़ी से फर्नीचर, अलमारियां, जहाज, कृषि उपकरण बनाने में भी किया जाता है। इस कारण से इसकी बाजार मांग काफी अच्छी बनी रहती है। यदि किसान इस पेड़ को अपने खेत में लगाते हैं तो इससे काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।

कई बीमारियों के इलाज में भी काम आता है यह पेड़

ऑस्ट्रेलियन टीक की लकड़ी के अलावा इसकी पत्तियां भी काफी उपयोगी होती हैं। इस पेड़ की पत्तियों का उपयोग कई बीमारियों में औषधी के रूप में किया जाता है। स्वदेशी चिकित्सा में इसकी पत्तियों का उपयोग टीबी की बीमारी में संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है। इसके लिए इस पेड़ की पत्तियों के रस का उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियां दो रंगों क्रमश: पीली व लाल रंग में होती हैं। इसकी पत्तियों का उपयोग कपास, ऊन व रेशम को रंगने के लिए भी किया जाता है।

ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती से क्या होगा लाभ

ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण  भूमिका निभा सकते है, साथ ही किसानों की इनकम को भी बढ़ा सकती है। ऑस्ट्रेलियन टीक मिट्‌टी की उर्वराशक्ति को बनाए रखता है। इसे किसान अपने खेत के आसपास लगा सकते हैं। इसे खेत के चारों ओर भी लगाया जा सकता है ताकि बीच में कोई दूसरी फसल ली जा सके। ऑस्ट्रेलियन टीक के पेड़ को खेत में लगाने का लाभ यह है कि इस पेड़ से अन्य फसलों को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन सहित अन्य पोषक तत्व मिल जाएंगे। ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे को कम पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे आप कम पानी में इसकी खेती करके काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

आप कैसे कर सकते हैं ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती

यदि आप ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सबसे पहले इसके बीजों को रातभर पानी में भिगो कर रखना होगा। इसके बाद बीज को एक छिद्रयुक्त बीज उगाने वाले मिश्रण पर बोए और उसे हल्के से ढक दें। इसके बाद महीन धुंध स्प्रे से पानी दें। गर्म, छायादार अथवा अर्ध-छायादार स्थान पर इसे रख दें। इसके मिश्रण नम रखने के लीए आवश्यकतानुसार पानी दें ताकि इसको सूखने बचाया जा सके। इसके अलावा जल जमाव न हो इसके लिए खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था रखें। ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती के लिए 27 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान अच्छा माना जाता है। कम बारिश वाले क्षेत्रों में इसकी खेती से उच्च गुणवत्ता वाली लकड़ी प्राप्त की जा सकती है। एक पूरी तरह से विकसित ऑस्ट्रेलियन टीक की ऊंचाई 45 से 65 फीट तक हो सकती है।

कितनी होती है ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे की कीमत

ऑस्ट्रेलियन टीक के पौधे की कीमत 30 से लेकर 129 रुपए तक हो सकती है। इसकी कीमत इसकी किस्म के आधार पर निर्भर है। आमतौर पर सरकारी नर्सरी में इसका एक पौधा 40 से 50 रुपए में मिल जाता है।

ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती से कितनी हो सकती है कमाई

उदाहरण के लिए यदि आप ऑस्टेलियन टीक के एक पौधे पर 40 रुपए खर्च करते हें और एक एकड़ भूमि में इसके 1000 पौधे लगाते हैं तो आपका कुल निवेश 40,000 रुपए होता है। इसके पौधे को पेड़ बनने में करीब 10 से 12 साल का समय लगता है, ऐसे में किसानों को थोड़ा धैर्य रखना होगा। पेड़ के बड़े होने पर आप इसकी लकड़ी को बेचकर करीब 10 से 16 हजार रुपए इसके एक पेड़ से मिल जाएंगे। यदि आपने इसके 1000 पौधे लगाएं है तो आपको इसकी लकड़ी बेचकर 90 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है।

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ऑस्ट्रेलियन टीक की खेती के लिए कितनी मिलती है सब्सिडी

ऑस्ट्रेलियन टीक जिसे सागौन या सागवान भी कहा जाता है। इसकी खेती के लिए सरकार की ओर सब्सिडी दी जाती है। बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहां किसानों को सागौन या सागवान की खेती के लिए 50 से 100 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी किसानों को वन संपदा योजना के तहत मिलती हे। इस योजना के तहत किसानों को टिशु कल्चर तकनीक से सागवान की खेती के लिए 25,000 रुपए का अनुदान 3 साल में तीन किस्तों में दिया जाता है। इसमें पहली किस्त 11,500 रुपए दी जाती है वहीं दूसरी व तीसरी किस्त में 7000-7000 रुपए की सब्सिडी लाभार्थी किसान को दी जाती है।