किसान खजूर के खेती कर कमा सकते है करोड़ों रूपये की कमाई।

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जानें, किसान केहराराम चौधरी की सफलता की कहानी
खेती-किसान में जोखिम की संभावना को देखते हुए अब किसान कम जोखिम वाली खेती करने में अधिक जुड़े हुए हैं। अधिकांश किसान चाहते हैं कि वे कम लागत में अधिक योग्य हों। ऐसी ही सोच के साथ राजस्थान के किसानों केहराराम चौधरी ने खजूर की खेती में हाथ आजया और किस्मत ने भी उनका साथ दिया। उन्होंने सात एक्टेयर में खजूर की खेती से करोड़ों की कमाई कर ये साबित कर दिया कि खेती किसानों की घाटे का सौदा नहीं है। यदि सही तरीके से खेती के व्यवसाय को अपनाया जाए तो इससे करोड़ों की कमाई हो सकती है।

किसान खजूर के खेती कर कमा सकते है करोड़ों रूपये की कमाई।

7 एकड़ में कर रहे हैं खजूर की आर्गेनिक खेती
राजस्थान के जालौर जिले के मतदाता गांव के रहने वाले किसान केहराराम चौधरी एक सफल और समृद्ध किसान हैं। इनके पास कुल 7 हैक्टेयर भूमि है। इसमें उन्होंने इजरायली तकनीक से खजूर की जैविक खेती की है। उत्पादन की लागत को कम करने और लाभ की मात्रा बढ़ाने के लिए वे जैविक तकनीक को अपनाते हैं और इसके अच्छे परिणाम उन्हें मिल रहे हैं। इस तकनीक से वे आम किसानों की तुलना में अधिक लाभ कमा रहे हैं। बता दें कि आर्गेनिक खेती की तकनीक से उत्पादित सब्जी और फलों के बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इसमें परिणामी लागत कम लगती है और बढ़ने के परिणाम मिलते हैं।

क्या होती है जैविक खेती (जैविक खेती)
केहराराम चौधरी इजरायली तकनीक से खजूर की जैविक खेती कर रहे हैं। जैविक खेती में किसी भी रासायनिक खाद एवं रसायनों का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें वे गोबर की खाद और केंचुआ खाद का ही उपयोग करते हैं। बता दें कि जैविक खेती के लिए सरकार की ओर से भी प्रचार किया जा रहा है। इस प्रकार की खेती में प्राकृतिक रूप से तैयार खाद का उपयोग किया जाता है। इसमें रासायनिक खाद का बिल्कुल उपयोग नहीं किया जाता है। यहां यह बताना जरूरी है कि रासायनिक खाद मिट्टी और परिणाम दोनों के लिए किसी भी तरह साबित नहीं होती हैं। वहीं बीमार होने के कारण भी बन रहे हैं। वहीं जैविक खेती यानी आर्गेनिक खेती भूमि और हमारे शरीर के लिए सुरक्षित है।

केहराराम ने इस तरह की खजूर की खेती की शुरुआत
केहराराम ने दस साल पहले अनार की खेती शुरू की। वे अपने पहले प्रयास में अमर की खेती में सफल रहे और निर्मित हुए। इन्हें देखकर अन्य किसानों ने भी अनार की खेती शुरू की और आज ये स्थिति है कि दर गांव के साथ ही जिले के सैकड़ों किसान अनार की खेती करके लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। यहां से बड़ी मात्रा में अनार अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है।

अनार के बाद खजूर की खेती में आजया हाथ
एंकर की खेती के बाद केहराराम चौधरी ने खजूर की खेती (Date Palm Cultivation) में हाथ आजया और इसमें भी उन्हें सफलता मिली। आज केहराराम चौधरी के साथ ही जालौर के मतदाता गांव के किसान खजूर की खेती से मोटी कमाई कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार केहराराम चौधरी के साथ-साथ जालौर के दरोगा गांव के किसानों ने 5 साल पहले 3500 रुपए की कीमत पर उद्यान विभाग से खजूर के 2 अलग-अलग आकार के 600 अलग-अलग प्रकारों से खजूर की खेती की शुरुआत की थी। अब ये खजूर के अच्छे सौदे हो गए हैं किसानों को खास पैसा कमा रहे हैं।

किसान खजूर के खेती कर कमा सकते है करोड़ों रूपये की कमाई।

इन जाली में जा रही है खजूर की खेती
राजस्थान के जालौर सहित 12 जाली में बाड़मेर, चूरू, जैसलमेर, सिरोही, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, बीकानेर व झुंझुनूं में खजूर की खेती की जा रही है। यहां किसान मेडजूल और बरही दुर्घटना की खजूर की खेती कर रहे हैं।

खजूर की खेती के लिए सरकार कितने प्रकार से सब्सिडी प्राप्त करती है
खजूर के मूल उत्पादकों खाड़ी देशों के जीवन को देखते हुए ही राज्य सरकार यहां खजूर की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को बड़ी और टिश्यू कल्चर से तैयार पौध उपलब्ध कराए जाने के साथ तकनीकी सहयोग भी दिया जा रहा है। खजूर की खेती के लिए सरकार की ओर से किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके तहत किसानों को टिश्यू कल्चर तकनीक से उत्पादित खजूर के दायरे में आते हैं।

खजूर की मेडजूल और बरही झिलमिलाहट के पौध को जुलाई से सितंबर के बीच किसी भी दुर्घटना की मिट्टी में लग सकता है। इस दस्तावेज़ को समय का ध्यान रखें कि इसके एक समझौते से दूसरे समझौते और एक पंक्ति से दूसरी कड़ी के बीच 8 मीटर की दूरी होनी चाहिए। इस तरह आप एक हेक्टेयर में खजूर के 156 संयंत्र लगा सकते हैं।

खजूर से स्वास्थ्य को मिलने वाले लाभ
खजूर की खेती उतनी ही बेहतर है जितनी मानव शरीर के लिए बेहतर है। खजूर के नुस्खे से जो लाभ प्राप्त होते हैं, वे इस प्रकार हैं-

खजूर के दूध के साथ मोटापा बढ़ रहा है और पानी के साथ लें, तो चर्बी घटाई जाती है।
खजूर के सेवन से पेट की खराबी, कब्ज की शिकायत दूर होती है और लीवर, मुक्त प्रणाली मजबूत होती है।
खजूर सूचना संबंधी प्रभाव में लाभ होता है। नियमित खजूर खाने वाले पेट से संबंधित
खजूर के पेड़ जिस जगह ज्यादा लगे होते हैं, वहां आंखों में रतौंधी रोग नहीं होता। खजूर आँखों की रौशनी बढ़ाने में सहायक है।
खजूर एक एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है। यह बुढापा रोकने में पूर्ति करता है।
खजूर खाने से कैलोरी और मिठास शरीर को एनर्जी देता है।
जिन लोगों को हमेशा कब्ज की शिकायत बनी रहती है, उनके लिए खजूर का सेजवन काफी हद तक साबित हो सकता है।
खजूर हड्डियों को ताकत देता है।
खजूर वात रोग और ग्रन्थिशोथ को ठंडा करके दूर कर देता है।

किसान खजूर के खेती कर कमा सकते है करोड़ों रूपये की कमाई।

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