बन सकती है किसानों के लिए आय का एक बेहतर जरिया
Kheti Kisani – भारत में पुदीने की खुशबू हर घर में बसती है, फिर चाहे वह चटनी हो या फिर कोई आयुर्वेदिक दवा। इस सुगंधित फसल, जिसे हम मेन्था के नाम से भी जानते हैं, की खेती किसानों के लिए आय का एक बढ़िया जरिया बन सकती है.
पुदीने की खेती कम लागत वाली मानी जाती है और इसकी फसल थोड़े समय में ही तैयार हो जाती है. इतना ही नहीं, इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है. आइए जानते हैं कैसे आप मेन्था की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं.
जलवायु और मिट्टी | Kheti Kisani
मेन्था की खेती के लिए सामान्य से थोड़ी ठंडी जलवायु अच्छी मानी जाती है. वहीं मिट्टी के मामले में हल्की रेतीली या दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है.
- ये खबर भी पढ़िए :- Ganne Ki Kheti : गन्ने की फसल का किसान भाई इन तरीकों से रखें ख्याल, मिलेगा बंपर उत्पादन
बुवाई का समय और तरीका:
उत्तर भारत में मेन्था की खेती आम तौर पर अक्टूबर-नवंबर महीने में की जाती है. वहीं दक्षिण भारत में इसकी खेती सितंबर-अक्टूबर में की जा सकती है. इसकी खेती के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और फिर क्यारियां बना लें. इसके बाद पौधों की रोपाई कर दें.
पौधों की देखभाल | Kheti Kisani
मेन्था के पौधों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती है. हल्की-हल्की सिंचाई नियमित रूप से करते रहें. खरपतवार की समस्या से बचने के लिए निराई-गुड़ाई भी जरूरी है.
कटाई और तेल निकालना:
जब पौधे फूल आने लगें तो उनकी कटाई कर लेनी चाहिए. कटाई के बाद पत्तियों को सुखाकर उनसे तेल निकाला जाता है.
सरकारी मदद | Kheti Kisani
कई सरकारी योजनाओं के तहत मेन्था की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी और लोन की सुविधा मिल सकती है. जानकारी के लिए अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से संपर्क करें.
अगर आप पारंपरिक खेती से हटकर कुछ अलग करना चाहते हैं और अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो मेन्था की खेती आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकती है.
मेंथॉल के तेल का रेट बदलते रहता है. 1200 से लेकर 1800 रूपए प्रति लीटर के हिसाब से तेल बिकता है. इस साल 1800 रूपए प्रति लीटर तेल की बिक्री हुई है.
1 thought on “Kheti Kisani : किसान भाई करें इस सुगंधित फसल की खेती, जिसका तेल मार्केट में बिकता है हजारों रुपये लीटर ”
Comments are closed.