जिला पंजीयक दिनेश कौशले का मुख्यमंत्री ने किया सम्मान
khabarwani vishesh: बैतूल। पंजीकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के लिए सरकार ने संपदा 2 दस्तावेज पंजीकरण साफ्टवेयर और मोबाइल एप का नया संस्करण लागू किया था। इस संपदा 2 को लागू करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हरदा जिला चयनित किया गया था। हरदा में संपदा 2 को लागू कराने और हरदा उपपंजीयक कार्यालय में संपदा 1 में पूर्ण रूप से काम बंद कराने में सफलता दिलाने वाले हरदा के प्रभारी जिला पंजीयक दिनेश कौशले को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है।
Betul news:तेज़ बारिश में पैर फिसलने से नाली बहा मासूम, 500 मीटर दूर नाले से मिली लाश
मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
भोपाल में गत दिवस आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जिला पंजीयक दिनेश कौशले को ई पंजीयन एवं ई स्टापिंग के नवीन संस्करण संपदा 2 के सफल क्रियान्वयन तथा उनके परिश्रम एवं रूचि पूर्व सराहनीय कार्य संपादित करने हेतु प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया है। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री एवं वित्त और वाणिज्य कर मंत्री जगदीश देवड़ा, वाणिज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव अमित राठौर, एसीएफ संजय दुबे, मध्यप्रदेश महानिरीक्षक पंजीयन एम सेलवेंद्रम, विधायक विष्णु खत्री सहित अन्य प्रमुख अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
हरदा में हुआ लागू
बैतूल में जिला पंजीयक के पद पर पदस्थ दिनेश कौशले के पास हरदा जिले का अतिरिक्त प्रभार भी है। संपदा 2 को हरदा जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। श्री कौशले ने बताया कि हरदा जिले में दो उपपंजीयक कार्यालय है जिसमें हरदा और टिमरनी शामिल है। उन्होंने बताया कि हरदा में पूर्ण रूप से संपदा 2 लागू हो चुका है और यहां पर 1575 रजिस्ट्री संपदा 2 में कराई गई है। हरदा उपपंजीयक कार्यालय में अब संपदा 1 पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं अब टिमरनी उपपंजीयक कार्यालय में वर्तमान में संपदा 1 और संपदा 2 दोनों में कार्य हो रहा है। जल्द ही यहां भी संपदा 1 बंद कर दिया जाएगा। श्री कौशल की इस उपलब्धि पर विभाग और उनके शुभचिंतकों ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।
क्या है संपदा 2?
संपत्ति के क्रय-विक्रय के लिए जो दस्तावेज रजिस्टर्ड होते हैं उसको लेकर क्रेता और विक्रेता को उपपंजीयक कार्यालय जाकर रजिस्ट्री करानी पड़ती है। इसमें संपदा 1 के तहत दस्तावेज खरीदकर पूरी प्रक्रिया करने के पश्चात रजिस्ट्री का कार्य पूरा होता था जिसमें कई बार लोगों को परेशानियों का सामना भी करना पड़ता था। सरकार ने लोगों की परेशानी को देखते हुए संपदा 2 संस्करण लाया है और प्रयास यह है कि दस्तावेज पंजीयकरण प्रक्रिया को लेकर मध्यप्रदेश को पूरी तरह से डिजिटल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी सफलता के बाद देश में मध्यप्रदेश में पहला राज्य होगा जहां पंजीकरण के लिए क्रेता-विक्रेता को उपपंजीयक कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और यह प्रक्रिया पेपरलेस हो जाएगी।