आश्चर्यजनक रही कालेजों की जनभागीदारी समिति की सूची
खबरवाणी विशेष
बैतूल – Khabarwani Vishesh – सरकारी महाविद्यालयों में लंबे समय से जनभागीदारी समिति का गठन किया जाता रहा है। और इस समिति का अधिकार क्षेत्र भी राजनैतिक दृष्टि से अत्यंत व्यापक है। क्योंकि इस समिति के माध्यम से छात्र शक्ति को प्रभावित किया जाता रहा है। जिन क्षेत्रों के कालेजों में समितियों का गठन होता रहा है उनके अध्यक्ष क्षेत्रीय विधायक या वरिष्ठ जनप्रतिनिधि बनते आए हैं। लेकिन पहली बार पूरे जिले के सभी 8 सरकारी कालेजों में राज्य शासन ने दिग्गजों को दरकिनार करते हुए भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे ऐसे युवाओं को अध्यक्ष पद की महती जिम्मेदारी सौंपी हैं जो राजनैतिक रूप से लो प्रोफाइल माने जाते हैं और इस सूची को लेकर राजनैतिक हल्कों में यह माना जा रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा टिकट वितरण में भी ऐसा ही धमाका ना कर दें।
नया प्रयोग या स्थापित नेताओं को चेतावनी(Khabarwani Vishesh)
जिस तरह से नए और युवा कार्यकर्ताओं को प्रदेश सरकार ने सरकारी कालेजों की जनभागीदारी समिति की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है उसका राजनैतिक समीक्षक कई चश्मों से देख रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह भाजपा का नया प्रयोग है और पार्टी में नए नेतृत्व को आगे लाने का प्रयास है। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि भाजपा में यह उन स्थापित नेताओं के लिए चेतावनी है जो पार्टी मेंं अपना एकाधिकार समझते हैं और इसको ही लेकर इन स्थापित नेताओं में यह भी बेचैनी है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर ऐसा ही कुछ न हो जाए।
इनकी हुई है नियुक्ति(Khabarwani Vishesh)
जिले के सभी 8 शासकीय महाविद्यालयों की जनभागीदारी समिति में एबीपीवी से जुड़े पूर्व छात्रों की नियुक्ति हुई है। इनमें बैतूल के जेएच कालेज में घनश्याम मदान, गर्ल्स कालेज में लतेश पंवार, आमला कालेज में मुक्ता ढोलेकर, शाहपुर कालेज में नितिन मेहतो, भैंसदेही कालेज में रमेश सोनारे, घोड़ाडोंगरी कालेज में दीपक जैन, मुलताई कालेज में जयेश सिंघवी एवं भीमपुर कालेज में ओमप्रकाश जैसवाल को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। और यह भी लगभग तय है कि 2023 के विधानसभा चुनाव तक ये सभी इस पद पर बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि इन युवाओं की नियुक्ति सीधे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा करवाई गई है। और ये सभी सदस्य वीडी शर्मा के साथ एबीवीपी संगठन में सक्रिय रहे हैं।
पूर्व में दिग्गजों ने संभाली जिम्मेदारी(Khabarwani Vishesh)
जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार रही तो क्षेत्रीय विधायकों को शासकीय कालेजों में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। इनमें अशोक साबले, विनोद डागा और निलय डागा शामिल है। वहीं भाजपा शासन में भी हेमंत खण्डेलवाल और शिवप्रसाद राठौर को अध्यक्ष बनाया गया था। और इन दिग्गजों के अध्यक्षीय कार्यकाल में समितियों में शहर के प्रतिष्ठित समाजसेवी संबंधित दलों के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाता रहा है। लेकिन इस बार चूंकि अध्यक्ष ही स्वयं युवा हैं इसलिए इनके साथ समितियों में युवा सदस्यों को ही मौका मिलने की संभावना है।