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मध्य प्रदेश का केदारनाथ धाम, जहां त्रेता युग से विराजमान चमत्कारी शिवलिंग

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गुना : मध्य प्रदेश के केदारनाथ धाम की चर्चा दूर-दूर तक है. गुना जिला मुख्यालय से ये धार्मिक स्थल करीब 40 से 45 किलोमीटर दूर महोदरा के जंगलों में है. ये इलाका गुना उत्तर वन परिक्षेत्र में आता है. इस ऐतिहासिक धार्मिक स्थल केदारनाथ धाम की गुफा में बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग त्रेता युग से विराजमान है, जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है.

प्राकृतिक सुंदरता के बीच झरने मोह लेते हैं

केदारनाथ धाम में त्रेता युग से गुफा में बाबा भोलेनाथ का शिवलिंग विराजमान है. यहां प्रकृति के सौंदर्य का अद्भुत नजारा है. कुदरत की बेमिसाल खूबसूरती यहां देखने को मिलती है. जंगल के बीचों-बीच काफी गहराई में यहां कई झरने हैं. यहां भोलेनाथ की शिवलिंग का प्राकृतिक जलाभिषेक 12 माह तक होता रहता है. वहीं सुबह जब भी पुजारी पूजा करने जाते हैं तो उन्हें शिवलिंग पर फूल बेल पत्र चढ़ा हुआ मिलता है. केदारनाथ धाम आमजन के लिए आज भी अबूझ पहेली है.

केदारनाथ धाम के बारे में कई किवदंतियां

घनघोर जंगल में स्थित इस प्राचीन स्थल के विचित्र और अनोखे ढंग से बने होने के बारे में पूरी जानकारी किसी को पता नहीं चल सकी है. यहां बीते 28 साल से पूजा करने वाले पुजारी नंदकिशोर शर्मा बताते हैं " धरती के ऊपरी सतह से करीब 250 फीट नीचे इस प्राकृतिक स्थल को लेकर अलग-अलग किवदंतिया हैं. यहां प्राचीन शिवलिंग की वजह से श्रद्धालुओं की अपार आस्था है. प्रकृति की गोद में बसे हरियाली से आच्छादित केदारनाथ धाम स्थल को लेकर ऐतिहासिक घटनाएं जानने के लिए हर कोई व्याकुल रहता है."

सावन में बड़ी संख्या में कांवड़िये आते हैं

 

इस स्थान पर मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित कई जगहों से श्रद्धालु पहुंचते हैं. सावन के महीने में श्रद्धालु यहां से जल भरकर कावड़ ले जाते हैं और दूसरी जगह से कावड़ लेकर यहां आते हैं. केदारनाथ स्थल का चित्र आसमान से लेने पर पता चलता है कि इसकी आकृति किसी विशाल मानव के पंजे के निशान की तरह है. आकृति में अंगूठे वाले स्थान पर नीचे शिवलिंग है.

मंदिर अति प्राचीन बताया जाता है, जबकि स्थल बनने के संबंध में कोई स्पष्ट नहीं बता पाता. पर्यटन की दृष्टि से देखें तो इन दिनों में बारिश के मौसम में यहां चारों तरफ से गिरते लुभावने झरने श्रद्धालुओ और लोगों को काफी लुभा रहे हैं. पूरा स्थल पेड़ों की हरियाली से आच्छादित है. आए दिन यहां धार्मिक कार्यक्रम होते रहते हैं.

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