बेलगावी: ठेकेदार को मुआवजा देने में देरी के कारण कर्नाटक के बेलगावी जिले के कलेक्टर मोहम्मद रोशन की कार जब्त कर ली गई है. 30 साल पहले लघु सिंचाई विभाग के बैराज का निर्माण करने वाले ठेकेदार को अभी भी पूरा पैसा नहीं चुकाया गया है. तीन दशकों से बिल लंबित है.
मुआवजा देने में देरी के कारण अदालत ने जिला कलेक्टर की कार जब्त करने का आदेश दिया गया, जिसके बाद शुक्रवार 18 जुलाई को कार जब्त कर दी गई. जब जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन की कार उनके कार्यालय के सामने थी.
ठेकेदार की अदालत में अपील
1992-93 में, ठेकेदार नारायण गणेश कामत ने चिक्कोडी में दूधगंगा नदी पर एक बैराज का निर्माण किया था. इस दौरान, लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बैराज निर्माण के लिए जरूरी सीमेंट की आपूर्ति में देरी की. इससे ठेकेदार कामत को काफी नुकसान हुआ. 1995 में, ठेकेदार कामत ने सशर्त अनुबंध के तहत पैसा न मिलने पर सिंचाई विभाग के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया.
बेलगावी के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायालय ने मामले में सुनवाई की और ठेकेदार को मुआवजा देने का आदेश दिया. बाद में, लघु सिंचाई विभाग ने इस आदेश के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में अपील दायर की. लेकिन फिर, जब मामला निचली अदालत में वापस आया, तो उसने ठेकेदार कामत को 11 अगस्त 1995 से 9% ब्याज सहित 1.31 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. निचली अदालत ने 31 जुलाई, 2024 को मुआवजा देने का आदेश दिया था.
तीसरी बार, इसी साल अप्रैल में, न्यायालय ने 2 जून तक इस राशि का 50% भुगतान करने का आदेश दिया था. लेकिन अधिकारियों ने इस आदेश पर भी अमल नहीं किया. अदालत ने सिंचाई विभाग के सचिव, जिला कलेक्टर और लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी को तत्काल मुआवजा देने का निर्देश दिया था.
ठेकेदार के अधिवक्ता ओबी जोशी ने बताया कि चूंकि संबंधित अधिकारियों ने मुआवजा देने में अभी भी देरी की है, इसलिए जिला कलेक्टर की कार जब्त कर ली गई है.
कलेक्टर ने जज के समक्ष शिकायत की
ईटीवी भारत ने जब इस संबंध में जिला कलेक्टर मोहम्मद रोशन से संपर्क किया, तो उन्होंने कहा, "कार को अवैध रूप से जब्त किया गया है. मैंने इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीशों के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है."