Joshimath News – 10 साल संयोग पहले 2003 में उत्तरकाशी, 2013 में केदारनाथ, अब 2023 में जोशीमठ से आहट!    

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Joshimath Newsउत्तराखंड ऐसे तो पहाड़ी इलाका है और वहीं ऐसी जगह है जहाँ आए दिन भूकंप कके झटके आते रहते हैं। अब ये सयोंग कहे या कुछ और 2003 में उत्तरकाशी के वरुणावत में दरारें पड़ीं. सितंबर 2003 में बिना बारिश के करीब एक माह तक जारी रहे वरुणावत भूस्खलन से उत्तरकाशी नगर में भारी तबाही मची थी।  और उसके 10 साल बाद केदारनाथ की आपदा जिसके बाद अब फिर 10 साल के बाद 2023 में उत्तराखंड के जोशीमठ से आने लगी है आपदा की आहट यहां घरों पर दरारें पड़ गई हैं, जमीन के नीचे पानी की हलचल साफ सुनाई दे रही है.

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जरा सी भी बारिश हुई तो जोशीमठ में हालात और खराब हो जाएंगे. जोशीमठ में दरारें पड़ रही हैं, जमीन के नीचे से पानी के फव्वारे फूट पड़े हैं, ये तो सबको पता है, पर ऐसा हो क्यों रहा है, ये बात विशेषज्ञ भी नहीं समझ पा रहे.

करीब 70 करोड़ की लागत से इस पहाड़ी के उपचार के बावजूद अक्सर बरसात में इस पहाड़ी से शहर क्षेत्र में पत्थर गिरने की घटनाएं होती रही हैं. साल 2013 में केदारनाथ में जलप्रलय आई, जिसमें पांच हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई.

अब साल 2023 में जोशीमठ में जो हो रहा है, वो सबके सामने है. जमीन के धंसने से समूचा जोशीमठ धंस रहा है. सैकड़ों भवन रहने लायक नहीं बचे हैं. कई जगह जमीन पर भी चौड़ी दरारें उभरने लगी हैं. पिछले ही साल उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने भी जोशीमठ पर मंडराते खतरे की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था.

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इन तमाम चेतावनियों के बाद जोशीमठ को बचाने के प्रयास नहीं हुए, बल्कि वहां भारी भरकम इमारतों का जंगल उगता गया. अब 20 से 25 हजार की आबादी वाला ये शहर अनियंत्रित विकास की भेंट चढ़ रहा है, शहर का अस्तित्व संकट में पड़ गया है.

Source – Internet 

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