जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने DPI कमिश्नर आईएएस शिल्पा गुप्ता के खिलाफ 10,000 रुपये का जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि 23 मार्च 2025 को वह कम्पलायंस रिपोर्ट के साथ हाई कोर्ट में पेश हों. 23 अक्टूबर 2024 को हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस शिक्षकों को उनकी पसंद के DPI स्कूलों में पोस्ट किया जाए. दरअसल, 10 फरवरी 2025 को कोर्ट ने शिल्पा गुप्ता को नोटिस जारी कर 3 मार्च 2025 तक जवाब दाखिल करने को कहा था. चार महीने बाद भी न तो उन्होंने जवाब दिया और न ही कोर्ट में पेश हुईं, जिससे याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की.
10,000 रुपये के जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ आदेश जारी
7 मार्च 2025 को हाई कोर्ट की डबल बेंच (जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ) ने 10,000 रुपये के जमानती गिरफ्तारी वारंट के साथ आदेश जारी किया. शिल्पा गुप्ता को 23 मार्च 2025 तक हाई कोर्ट में कम्पलायंस रिपोर्ट के साथ पेश होना अनिवार्य होगा.
न्यायिक आदेशों का पालन सुनिश्चित करने का सख्त संदेश
अगर शिल्पा गुप्ता वारंट को चुनौती देती हैं या उच्च अदालत में अपील करती हैं, तो मामला लंबा खिंच सकता है. इस फैसले ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्यायिक आदेशों का पालन सुनिश्चित करने का सख्त संदेश दिया है. हाई कोर्ट का यह कदम स्पष्ट करता है कि कोर्ट के आदेशों की अनदेखी करने पर प्रशासनिक अधिकारियों को अब जवाबदेह ठहराया जाएगा.