जब हम कोई नई और महंगी चीज़ खरीदते हैं, जैसे कार, बाइक, फ्रिज, एसी या कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक सामान, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता हैं. इस खुशी के साथ हम अक्सर उस वस्तु को शुभ और सुरक्षित रखने के लिए कुछ धार्मिक तरीके अपनाते हैं. कई लोग गाड़ी पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं, “शुभ-लाभ” लिखते हैं, टीका-चंदन लगाते हैं और पूजा करते हैं. गाड़ी या घर में भगवान की छवि लगाना भी आम बात है, लेकिन क्या ये सब करना सही है? क्या इसमें कोई धार्मिक नियम या निषेध है? और सबसे जरूरी सवाल, क्या गाड़ी या बाइक पर भगवान का नाम लिखना उचित है? आइए इस विषय को सरल और स्पष्ट तरीके से समझते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
गाड़ी पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ लिखना
नई गाड़ी या वस्तु पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना और “शुभ-लाभ” लिखना शुभ माना जाता है. यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक सकारात्मक भावना का प्रतीक है. स्वास्तिक चिन्ह को हमेशा से मंगल और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है. जब हम इसे बनाते हैं, तो ये हमारे मन में एक तरह की सकारात्मक ऊर्जा भरता है. इसी तरह “शुभ-लाभ” लिखने का भी यही मकसद है कि नई चीज़ हमारे जीवन में अच्छे परिणाम और तरक्की लाए.
जब हम कोई नई और महंगी चीज़ खरीदते हैं, जैसे कार, बाइक, फ्रिज, एसी या कोई दूसरा इलेक्ट्रॉनिक सामान, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता हैं. इस खुशी के साथ हम अक्सर उस वस्तु को शुभ और सुरक्षित रखने के लिए कुछ धार्मिक तरीके अपनाते हैं. कई लोग गाड़ी पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाते हैं, “शुभ-लाभ” लिखते हैं, टीका-चंदन लगाते हैं और पूजा करते हैं. गाड़ी या घर में भगवान की छवि लगाना भी आम बात है, लेकिन क्या ये सब करना सही है? क्या इसमें कोई धार्मिक नियम या निषेध है? और सबसे जरूरी सवाल, क्या गाड़ी या बाइक पर भगवान का नाम लिखना उचित है? आइए इस विषय को सरल और स्पष्ट तरीके से समझते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
गाड़ी पर स्वास्तिक और शुभ-लाभ लिखना
नई गाड़ी या वस्तु पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना और “शुभ-लाभ” लिखना शुभ माना जाता है. यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक सकारात्मक भावना का प्रतीक है. स्वास्तिक चिन्ह को हमेशा से मंगल और अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है. जब हम इसे बनाते हैं, तो ये हमारे मन में एक तरह की सकारात्मक ऊर्जा भरता है. इसी तरह “शुभ-लाभ” लिखने का भी यही मकसद है कि नई चीज़ हमारे जीवन में अच्छे परिणाम और तरक्की लाए.
गाड़ी पर भगवान का नाम लिखने से क्यों बचें
हालांकि गाड़ी पर भगवान की तस्वीर लगाना सही है, लेकिन भगवान का नाम (जैसे राम, कृष्ण, शिव, राधा) लिखना उचित नहीं माना गया है. इसका कारण यह है कि गाड़ी चलने के दौरान नाम सड़क की धूल, पानी, गंदगी और यहां तक कि जूतों के नीचे भी आ सकता है. जब गाड़ी पर लिखे नाम पर लोग पैर रख देते हैं या टायरों के नीचे वह नाम आता है, तो यह भगवान के नाम का अपमान जैसा हो जाता है. यही वजह है कि संत-महात्मा भी गाड़ी पर भगवान का नाम लिखने से मना करते हैं.
क्या करें और क्या न करें
1. नई गाड़ी या वस्तु की पूजा जरूर करें, यह शुभ माना जाता है.
2. स्वास्तिक और शुभ-लाभ का चिन्ह बनाना ठीक है, यह परंपरा भी है और सकारात्मक भी.
3. भगवान की तस्वीर या मूर्ति लगाना अच्छा है, लेकिन नाम लिखने से बचें.
4. गाड़ी को हमेशा साफ रखें, क्योंकि यह न सिर्फ सुरक्षा के लिए जरूरी है बल्कि भगवान की छवि का भी सम्मान है.