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IRS डॉ. प्रेम वर्मा कौन हैं? वित्त मंत्रालय में बने अतिरिक्त सचिव

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IRS : भारत सरकार ने वित्त मंत्रालय में बड़ा फेरबदल करते हुए आईआरएस अधिकारी डॉ. प्रेम वर्मा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा के सिरसा निवासी डॉ. वर्मा को वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया है। वे अब कस्टम्स एक्ट, सेंट्रल एक्साइज एक्ट, बैगेज नियमों और तस्करी से जुड़ी अपीलों की सुनवाई करेंगे और इन मामलों में अंतिम निर्णय देंगे।

डॉ. प्रेम वर्मा की नई जिम्मेदारी

डॉ. वर्मा को वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे मेरठ जोन में जीएसटी प्रिंसिपल कमिश्नर के पद पर कार्यरत थे। उनकी नियुक्ति से मंत्रालय में प्रशासनिक मजबूती आने की उम्मीद जताई जा रही है।

डॉक्टर से आईआरएस अधिकारी बनने तक का सफर

डॉ. प्रेम वर्मा की शुरुआत एक डॉक्टर के रूप में हुई। उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1994 में आईआरएस परीक्षा पास की। 1995 में उन्हें कस्टम्स और सेंट्रल एक्साइज के असिस्टेंट कमिश्नर के रूप में फरीदाबाद स्थित नेशनल कस्टम्स, सेंट्रल एक्साइज और नारकोटिक्स अकादमी में नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्होंने वित्त मंत्रालय में सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया।

खेल प्रशासन में भी सक्रिय भूमिका

डॉ. प्रेम वर्मा न केवल एक कुशल अधिकारी हैं बल्कि खेल प्रशासन में भी अहम भूमिका निभाते हैं। वे टेबल टेनिस फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने उन्हें टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए टीम इंडिया के डिप्टी शेफ डी मिशन के रूप में नियुक्त किया था। उन्होंने ओलंपिक की तैयारियों में छह महीने पहले ही अपनी भूमिका संभाली थी।

भारतीय ओलंपिक संघ से गहरा जुड़ाव

डॉ. वर्मा भारतीय ओलंपिक परिषद की स्थायी समिति के सदस्य और तैयारी समिति के सह-अध्यक्ष भी रह चुके हैं। खेलों के प्रति उनका झुकाव बचपन से रहा है। वे हमेशा से खेलों के प्रबंधन और खिलाड़ियों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के पक्षधर रहे हैं।

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अनुभव और नेतृत्व का अनोखा संगम

वित्त और खेल — दोनों ही क्षेत्रों में डॉ. प्रेम वर्मा का अनुभव उन्हें एक बहुआयामी अधिकारी बनाता है। चिकित्सा क्षेत्र से लेकर प्रशासन और खेल प्रबंधन तक, उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। अब वित्त मंत्रालय में उनकी नई भूमिका से यह उम्मीद की जा रही है कि राजस्व और कस्टम्स मामलों में पारदर्शिता और दक्षता को और बढ़ावा मिलेगा।

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