Iron: न्यूट्रिएंट्स की कमी से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित 

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Iron: शरीर के सभी पोषक तत्वों का अपना महत्वपूर्ण स्थान है। इनमें से किसी भी पोषक तत्व की कमी से शरीर चेतावनी देने लगता है, जो भविष्य में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। बच्चों की विकासशील अवस्था में हर पोषक तत्व का ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि इसी से उनके स्वस्थ भविष्य की नींव बनती है। इस दौरान जंक और प्रोसेस्ड फूड देने से उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जो जीवनभर के लिए स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है।आजकल बच्चों में आयोडीन और आयरन की कमी सबसे अधिक देखी जा रही है।आयोडीन थायरॉइड हार्मोन के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है, जो फोकस, याददाश्त, मानसिक स्पष्टता, और ध्यान केंद्रित करने जैसी गतिविधियों को प्रभावित करता है।आयरन बच्चों के समग्र विकास में योगदान देता है, जैसे कि:हीमोग्लोबिन का उत्पादनइम्यूनिटी को समर्थनन्यूरोट्रांसमिटर का उत्पादनमानसिक विकास

आयोडीन की कमी के कारण और समाधान

आयोडीन की कमी के कारण:आहार में पर्याप्त आयोडीन न होनाआयोडाइज्ड नमक में आयोडीन का न होनाब्रोमीन, क्लोरीन और फ्लोरीन के कारण आयोडीन शरीर से बाहर निकलनाआयोडीन प्राप्त करने के स्त्रोत: 1 से 8 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन 90 माइक्रोग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है, जो आयोडाइज्ड नमक, मछली, समुद्री भोजन, अंडे, और दही में पाया जाता है।

आयरन की कमी और इसके प्रभाव

1 से 5 वर्ष के बच्चों में आयरन की कमी एक आम समस्या बन गई है। आयरन की कमी से:ऊर्जा की कमी, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, मिट्टी या चॉक खाने की इच्छा, नाखूनों का कमजोर होना, इम्यून सिस्टम की कमजोरी, और हाथ-पैर ठंडे पड़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।आयरन रिच फूड: बच्चों को आयरन रिच फूड जैसे मांस, मछली, पोल्ट्री (हीम आयरन) और सब्जियां, फल, नट्स (नॉन हीम आयरन) देना चाहिए। साथ ही विटामिन C युक्त भोजन देना न भूलें, क्योंकि यह आयरन के अवशोषण में सहायक होता है।आयरन की कमी से एनीमिया, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसलिए बच्चों की डाइट में पर्याप्त आयोडीन और आयरन का समावेश करना आवश्यक है, जिससे वे भविष्य में इनकी कमी से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकें।4o

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