मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर में दशहरे के मौके पर सोशल संगठन द्वारा सोनाम रघुवंशी का पुतला दहन करने पर रोक लगा दी है। यह आदेश सोनाम की मां संगीता रघुवंशी की याचिका के बाद दिया गया। सोनाम पर अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या का आरोप है, लेकिन मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
सोनाम की मां संगीता ने लगाई गुहार
सोनाम की मां ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि उनकी बेटी पर अभी तक कोई अपराध साबित नहीं हुआ है। केस फिलहाल शिलॉन्ग, मेघालय की अदालत में चल रहा है। ऐसे में इस तरह की प्रथा लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसी महिला का पुतला जलाना उचित नहीं है और इसे बैन कर दिया।
राजा रघुवंशी का मिला था शव
बता दें कि सोनाम और उनके पति राजा रघुवंशी मई 2024 में हनीमून पर गए थे। 23 मई को राजा लापता हो गए और 2 जून को उनका क्षत-विक्षत शव मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले के सोहरा इलाके की खाई से मिला। इसके बाद से ही सोनाम रघुवंशी पर हत्या का शक जताया गया और मामला चर्चाओं में है।
संगठन ने चिपकाए थे पोस्टर
इंदौर के एक सामाजिक संगठन पौरुष ने दशहरे के लिए पोस्टर जारी किए थे, जिनमें 11 महिलाओं की तस्वीरें लगाई गई थीं। पोस्टर में इन महिलाओं को “आधुनिक कलियुग की शूर्पणखा” बताया गया। इनमें सोनाम के अलावा उन महिलाओं के नाम शामिल थे, जिन पर अपने पतियों की हत्या का आरोप है।
सोनाम का नाम लिस्ट में देखकर मां ने जताया विरोध
पोस्टरों में बेटी का नाम और फोटो देखकर सोनाम की मां संगीता ने इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब तक केस साबित नहीं होता, इस तरह के पुतला दहन से उनकी बेटी और परिवार की सामाजिक छवि को नुकसान होगा। इसी के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
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अब नहीं होगा महिलाओं का पुतला दहन
कोर्ट ने साफ कर दिया कि किसी भी महिला का पुतला दहन करना लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। साथ ही संगठन को महिलाओं के खिलाफ इस तरह की गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी गई। अब इस दशहरे पर न तो सोनाम रघुवंशी और न ही अन्य महिलाओं का पुतला दहन किया जाएगा।