मध्यप्रदेश के इंदौर में चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड से जुड़ा मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। इस केस में आरोपी बताई गई सोनम रघुवंशी और उनके साथियों को लेकर दशहरे पर एक अलग तरह का आयोजन किया जाना था। आयोजकों ने इसे “शूर्पणखा दहन” नाम दिया था, लेकिन अब अदालत ने इस कार्यक्रम पर रोक लगा दी है।
सोनम रघुवंशी केस और शूर्पणखा दहन की तैयारी
इंदौर में दशहरे पर होने वाले इस कार्यक्रम में सोनम रघुवंशी समेत 11 महिलाओं के पुतले जलाने की तैयारी की जा रही थी। इन महिलाओं पर अपने पति, बच्चों या ससुराल वालों की हत्या जैसे गंभीर आरोप हैं। आयोजकों का कहना था कि यह सामाजिक बुराइयों के खिलाफ प्रतीकात्मक संदेश होगा।
सोनम की मां ने दायर की याचिका
सोनम रघुवंशी की मां, संगीता रघुवंशी, इस आयोजन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचीं। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन से न केवल उनकी बेटी की इज्जत पर आंच आएगी, बल्कि परिवार की साख और सामाजिक सौहार्द को भी चोट पहुंचेगी। उन्होंने मांग की कि इस आयोजन पर तुरंत रोक लगाई जाए।
हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
मामले की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयोजकों को शूर्पणखा दहन करने से रोक दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम समाज में गलत संदेश फैला सकता है और महिलाओं के प्रति भेदभाव को बढ़ावा देगा।
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आयोजकों की दलील
आयोजन समिति के प्रमुख अशोक दशोरा ने कहा था कि हम हमेशा दशहरे पर रावण के अहंकार का दहन करते हैं। इस बार हमने फैसला लिया था कि 11 सिर वाले पुतले बनाए जाएंगे, जिनमें उन महिलाओं की छवि होगी जिन पर घिनौने अपराधों का आरोप है। इसमें सोनम रघुवंशी और मेरठ की मुस्कान समेत अन्य नाम शामिल थे।