Indigo Flight Crisis: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo का संकट सातवें दिन भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। 1 से 7 दिसंबर 2025 के बीच करीब 5.86 लाख टिकट रद्द किए गए और ₹569.65 करोड़ यात्रियों को लौटाने पड़े। 21 नवंबर से 7 दिसंबर के बीच कुल 9.55 लाख टिकट कैंसिल हुए, जिससे अब तक ₹827 करोड़ की भारी-भरकम रिफंड रकम पहुंच चुकी है। यात्रियों की परेशानी बढ़ने के साथ एयरलाइन पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
फ्लाइट कैंसिलेशन का सिलसिला जारी
8 दिसंबर को IndiGo ने 138 में से 137 डेस्टिनेशन के लिए 1,802 फ्लाइट्स ऑपरेट करने की बात कही, लेकिन 500 फ्लाइट्स फिर भी कैंसिल करनी पड़ीं। इससे पहले के दिन 650 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई थीं। एयरलाइन का कहना है कि स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और 10 दिसंबर तक ऑपरेशन सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।
सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि इस पूरे संकट का जल्द “रूट कॉज़ एनालिसिस” किया जाएगा। कंपनी ने यह भी साफ किया कि पायलटों की कमी नहीं है, बल्कि नए FDTL सिस्टम के बाद क्रू प्लानिंग में बफर की कमी असली वजह बनी।
संसद में गूंजा IndiGo का मामला
संकट इतना बड़ा हो गया कि Lok Sabha और Rajya Sabha दोनों में यह मुद्दा उठा। विपक्ष ने सरकार से पूछा कि देशभर के एयरपोर्ट्स पर हो रही अव्यवस्था पर सरकार क्या कदम उठा रही है।
इस बीच, संसदीय समिति भी DGCA और IndiGo अधिकारियों को तलब कर सकती है, ताकि पूरा मसला समझा जा सके।
सरकार ने दिखाई कड़ी नाराज़गी
राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री Ram Mohan Naidu Kinjarapu ने कहा कि इंडिगो की इंटरनल प्लानिंग और क्रू रोस्टरिंग की गड़बड़ी से यात्रियों को भारी दिक्कत हुई है। उन्होंने साफ कहा—“सरकार इसे हल्के में नहीं लेगी, और कार्रवाई ऐसी होगी जो दूसरों के लिए भी सबक बने।” इधर सुप्रीम कोर्ट ने इंडिगो पर दायर याचिका की तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया और कहा कि सरकार पहले से कदम उठा चुकी है। अब सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
IndiGo के शेयरों में भारी गिरावट
संकट की मार कंपनी के शेयर पर भी पड़ी। InterGlobe Aviation Ltd. के शेयर सोमवार सुबह बाजार खुलते ही 7% से ज्यादा गिर गए। 11:30 बजे तक शेयर ₹4971.75 पर ट्रेड कर रहा था, जो कि 7.44% की गिरावट दर्शाता है।
लगातार फ्लाइट कैंसिलेशन और यात्रियों के गुस्से का सीधा असर मार्केट सेंटिमेंट पर दिख रहा है।





