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10 साल में भारत का आर्थिक कद होगा दोगुना, दुनिया की नजरें भारत पर

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दुनिया भू-राजनीति में जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, भारत के लिए अपार अवसर उपलब्ध होंगे। भारत अपनी सहायक आर्थिक नीतियों और अन्य प्रयासों से अगले दशक में 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

गोल्डमैन सैश की भारत में सह-अध्यक्ष गुंजन समदानी ने सोमवार को कहा, देश जब 10 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएगा, तब वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) भारतीय अर्थव्यवस्था में 0.5 लाख करोड़ डॉलर का सकल मूल्यवर्धन कर सकेंगे। साथ ही, 2-2.5 करोड़ लोगों को रोजगार भी प्रदान करेंगे।

गुंजन ने सीआईआई जीसीसी शिखर सम्मेलन में कहा, अभी से 2035 के बीच वैश्विक विकास में उभरते बाजारों का 65 फीसदी योगदान होगा। भारत एक उज्ज्वल स्थान है और हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के साथ अगले दशक में 10 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच जाएंगे।

भारत के पास वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर
गोल्डमैन सैश की सह-अध्यक्ष ने कहा, भारत के पास ऐसे समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर है, जब दुनियाभर के बाजार फिर से व्यापार संतुलन स्थापित करने, आपूर्ति शृंखला से जुड़ी समस्याओं और कई देशों में चल रहे तनावों समेत कई जटिल चुनौतियों से जूझ रहे हैं। 

2025 तक 4.92 लाख करोड़ से अधिक होगा वैश्विक प्रौद्योगिकी खर्च
गोल्डमैन सैश की कार्यकारी ने कहा, एआई वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में सबसे आकर्षक परिवर्तनकारी अवसर का प्रतिनिधित्व करता है। एआई, ऑटोमेशन और डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले नवाचार केंद्रों के रूप में विकसित जीसीसी क्षेत्र वैश्विक रुझानों से लाभान्वित होगा। वैश्विक प्रौद्योगिकी खर्च 2025 तक 4.92 लाख करोड़ डॉलर से अधिक होगा।

कई वैश्विक रुझानों का लाभ उठाने के लिए तैयार भारत
गुंजन ने कहा, भारत एक साथ कई वैश्विक रुझानों का लाभ उठाने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है। जनसांख्यिकीय लाभांश, अग्रणी एसटीईएम स्नातक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मिशन से समर्थित प्रतिभाशाली एआई कौशल भारत के पक्ष में काम करेंगे और उसे इनका लाभ मिलेगा।

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