India-China border: भारत-चीन बॉर्डर पर अब ITBP पहले से ज्यादा दमदार रूप में तैनात होगी। पहले जहां फ्रंट लाइन पर सिर्फ पुरुष हिमवीर तैनात रहते थे, वहीं अब ITBP ने बड़ा कदम उठाते हुए विशेष रूप से प्रशिक्षित महिला कमांडो स्क्वाड को सीमा की सुरक्षा देने की पूरी तैयारी कर ली है। न्यूज 24 को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, ये महिला कमांडो हर चुनौती का डटकर सामना करने को तैयार हैं।
10 महिलाओं की फॉरवर्ड पोस्ट – चीन को सीधी चुनौती
ITBP देश में पहली बार 10 ऑल-विमेन फॉरवर्ड पोस्ट स्थापित कर रही है। ये पोस्ट कठिन इलाकों में होंगी जहां तापमान शून्य से भी कई डिग्री नीचे रहता है।
- दो पोस्ट लुकुंग, लद्दाख में
- एक पोस्ट हिमाचल प्रदेश में बन रही है
ये कमांडोज़ 3,488 किमी लंबी लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल पर पेट्रोलिंग भी करेंगी। उनकी क्षमताएं ऐसी होंगी कि दुश्मन पहली झलक में ही घुटने टेक देगा।
ITBP ने बढ़ाई अपनी ताकत – 215 आउटपोस्ट तैयार
ITBP के प्रवक्ता कमलेश कमल ने जानकारी दी कि गलवान घाटी में 2020 की झड़प के बाद शुरू हुई फॉरवर्डिंग योजना अब काफी आगे बढ़ चुकी है।
- पहले 180 आउटपोस्ट थे
- अब संख्या बढ़कर 215 हो गई है
- आने वाले समय में 41 नई फॉरवर्ड आउटपोस्ट और बनाई जाएंगी
64वें Raising Day पर DG ने कहा कि नए सेक्टर हेडक्वार्टर और 7 नई बटालियन ने ITBP की ताकत दोगुनी कर दी है।
पहाड़ों में जंग की नई तैयारियां – नई ट्रेनिंग मॉड्यूल शामिल
महिला और पुरुष दोनों कमांडोज़ को मजबूत बनाने के लिए ITBP ने अपने ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में 5 नए स्किल मॉड्यूल जोड़े हैं।
इनमें शामिल हैं—
- माउंटेन वॉरफेयर
- आइस सर्वाइवल
- हाई ऐल्टीट्यूड ट्रेनिंग
- टैक्टिकल पेट्रोलिंग
- एडवांस कॉम्बैट स्किल्स
ITBP के जवान 9,000 फीट से 14,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात रहते हैं, जहां ऑक्सीजन बेहद कम होती है। ऐसे हालात में उनका प्रशिक्षण ही उन्हें असली शूरवीर बनाता है।
1962 से अब तक ITBP – देश की सीमा पर मजबूत कवच
भारत-चीन युद्ध के बाद 1962 में बनी ITBP गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है।
- 1 लाख से ज्यादा जवान
- देश की सबसे कठिन LAC पर तैनाती
- हर मौसम में सीमा की सुरक्षा
अब जब ITBP की महिला कमांडो पोस्ट तैयार हो रही हैं, तो यह चीन को स्पष्ट संदेश है कि भारत अब हर मोर्चे पर तैयार है—चाहे पहाड़ हों, बर्फ हो या दुश्मन की कोई नई चाल।





