Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

IND vs ENG: कुंबले का बड़ा बयान—जडेजा को कहा ‘जोखिम लेने में चूके’, फैंस हुए हैरान

By
On:

नई दिल्ली : भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को स्पिनर शोएब बशीर के खिलाफ मोहम्मद सिराज को स्ट्राइक देने की जगह खुद जोखिम उठाकर आक्रामक शॉट खेलना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने जडेजा की पारी को चमत्कारिक बताते हुए कहा कि जडेजा के साथ निचले क्रम के बल्लेबाजों के संघर्ष से भारत मैच में वापसी करने में काफी हद तक सफल रहा, लेकिन उसे 22 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा।

टीम लक्ष्य से सिर्फ 22 रन दूर थी जडेजा एक छोर पर बस खड़े रहे। कुंबले ने कहा कि जडेजा भारत को जीत के इतने करीब लाने की योजना में सफल रहे, लेकिन इंग्लैंड ने कोई ढिलाई नहीं बरती। जडेजा ज्यादातर ओवर की चौथी या पांचवीं गेंद पर एक रन चुरा रहे थे, लेकिन कुंबले का मानना है कि उन्हें कम गति के गेंदबाजों के खिलाफ जोखिम उठाना चाहिए था।

'जडेजा को गेंदबाजों का चयन कर अटैक करना चाहिए था'

कुंबले ने कहा, 'जडेजा को उन गेंदबाजों का चयन करना चाहिए था जिनके खिलाफ वह आक्रामक रुख अपना सकते थे। क्रिस वोक्स , जो रूट और बशीर ऐसे गेंदबाज थे। बशीर और रूट भले ही ऑफ स्पिनर हैं, लेकिन उनकी गेंद बहुत ज्यादा टर्न नहीं ले रही थी। अगर किसी को जोखिम उठाना था तो वह जडेजा ही थे जिन्हें ऐसा करना चाहिए था। उन्होंने बुमराह और सिराज के साथ बल्लेबाजी के दौरान अपने पास ज्यादा स्ट्राइक रखकर अच्छा काम किया, लेकिन सिराज को बशीर का पूरा ओवर खेलने के लिए देना जोखिम भरा था। उन्हें इसकी जगह खुद ही आक्रामक रुख अपनाना चाहिए था।'

कुंबले ने जडेजा के नाबाद 61 रन की तारीफ भी की

कुंबले ने जडेजा की नाबाद 61 रन की जुझारू पारी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जीत के लिए 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को 170 रन पहुंचा कर लगभग चमत्कार कर दिया था। कुंबले ने कहा, 'वह पूरे समय बेहतरीन रहे वह दिन के छठे ओवर में ही बल्लेबाजी के लिए आ गए थे और आखिर तक नाबाद रहे। बुमराह और सिराज के साथ 82 पर 7 विकेट गिरने के बाद स्कोर को दोगुना करना अविश्वसनीय है।'

पाकिस्तान के खिलाफ 1999 की हार का दर्द उबरा

कुंबले को इस मैच ने चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट की याद दिला दी जिसमें सचिन तेंदुलकर ने पीठ दर्द के बावजूद 136 रन की पारी खेली, लेकिन भारतीय टीम को 12 रन से हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक की गेंद पर जवागल श्रीनाथ का आउट होना सोमवार को सिराज के स्टंप्स की गिल्लियों को गिराने वाली गेंद के समान था। चेन्नई में जनवरी 1999 में खेले गए उस टेस्ट मैच में टीम का हिस्सा रहे कुंबले ने कहा, 'मुझे इस मैच को देखकर चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया टेस्ट मैच याद आ गया, जिसमें हम 12 रन से हार गए थे। सिराज का आउट होना कुछ वैसा ही था।'

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News