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पाढर क्षेत्र में फोरलेन से सटी पहाडिय़ों को बना दिया मैदान, सोनाघाटी क्षेत्र में भी अवैध उत्खनन जारी

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सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल:-
आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि बैतूल जिल में मुरुम की वैध खदान एक भी नहीं है, लेकिन बड़ी मात्रा में भराव और समतलीकरण के लिए लगने वाली मुरुम की कमी आपको नहीं आएगी, बस आर्डर दीजिये और मुरुम हाजिर। लेकिन आसानी से मिल जाने वाली मुरुम दरअसल बैतूल शहरी क्षेत्र में अवैध उत्खनन का नतीजा है, बैतूल शहर सहित जिलेभर में मुरुम माफिया बेलगाम हो गया है। जिस तरह से पहाडिय़ों और समतल मैदानों को खोदा जा रहा है, उससे जिस तरह का नुकसान हो रहा है यह आपको फोटोग्राफ में देखने को मिल जाएगा।
1. इस अवैध उत्खनन से शासन प्रशासन को भी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है तो वहीं जिले में जिन पहाडिय़ों पर मुरम उपलब्ध है वह पहाडिय़ां मैदान बनती जा रही हैं, जबकि जहां मैदान हैं वे ताल तैलया में तब्दील हो रहे हैं, यानी खुदाई इतनी ज्यादा हो रही है कि समतल जमीन ऐसी दिखाई देती है मानों तालाब बनाने के लिए खुदाई की गई हो। खनिज विभाग का ढुलमुल रवैया इस अवैध उत्खनन को और बढ़ावा दे रहा है।
शिकायतों के बार भी सुपरविजन नहीं:-
बैतूल शहर जिले में रेत और मुरुम के अवैध खुदाई मामले में सुपरविजन और मैदानी निरीक्षण की कमी से खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं, सूत्र बताते हैं अधिकारियों को इस बात की शिकायत करते हैं इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होती न ही कोई अधिकारी मौके पर आकर देखता है।
पाढर और सोनाघाटी क्षेत्र में जमकर खुदाई:-
मुरम का अवैध खनन देखना हो तो ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। शहर से सटे सोनाघाटी क्षेत्र के अलावा भोपाल-नागपुर फोरलेन स्थित पाढर क्षेत्र में ऋतुराज ढाबे के पास भी जमकर मुरम की अवैध खुदाई की गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस खनन को लेकर किसी भी तरह की अनुमति खनन करने वालों द्वारा नहीं ली गई है, और अनुमति लेंगे भी क्यों, क्योंकि कोई वैध खदान तो है नहीं, अवैध रूप से मुरम खुदाई के कारण खनिज विभाग को रायल्टी का भारी नुकसान हो रहा है, खदान नहीं होने के कारण इसकी रायल्टी भी शासन-प्रशासन को नहीं मिल रही है। मुरम की मांग रेत की तरह ही है, जितनी खपत रेत की होती है उतनी ही मांग मुरम की भी है, इस हिसाब से राजस्व के नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। इधर सोनाघाटी क्षेत्र में अच्छी क्वालिटी की मुरम निकलती है। इस कारण सोनाघाटी शिव मंदिर की पहाड़ी के निचले हिस्से में अवैध खनन हो रहा है। गौरतलब है कि इस पहाड़ी पर अधिकारी, समाजसेवी, जल संग्रहण का काम करने वाले समाजसेवियों का तक आना-जाना है। गंगा अवतरण अभियान भी इसी पहाड़ी पर चलाया जाता है, लेकिन अवैध खनन की ओर कोई भी न तो आवाज उठा रहा है और ही कार्रवाई मंाग कर रहा है। इधर विभागीय रूप से भी कोई निरीक्षण वगैरह नहीं होता।
वैध खदान नहीं है:-
जिले में मुरुम की कोई वैध खदान नहीं है, जहां तक खनन से बिजली के खंभे गिरने और पेड़ गिरने की बात है तो यह खेत मालिक को देखना चाहिए। मुरुम समतलीकरण की तहसील से परमिशन मिलती है, हम बस समतलीकरणके बाद देखने जाते हैं। अवैध उत्खनन हो रहा है तो इसे दिखवाया जाएगा।
भगवत नागवंशी, खनिज अधिकारी, बैतूल

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