भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दुबई यात्रा के दूसरे दिन को जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य जीसीसी क्षेत्र में, विशेष रूप से जैन व्यावसायिक समुदाय के साथ संभावित सहयोग और व्यापारिक अवसरों की खोज करना, दुबई में जेआईटीओ की प्रमुख पहलों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को समझना था। इसके अलावा इस बैठक का उद्देश्य यह भी पहचानना था कि मध्यप्रदेश की औद्योगिक इकाइयां जेआईटीओ के आर्थिक सशक्तिकरण, शिक्षा और सेवा जैसे मिशनों में किस प्रकार योगदान दे सकती हैं।
इस अहम बैठक में मध्यप्रदेश और जेआईटीओ के बीच साझेदारी के प्रस्तावित बिंदुओं पर चर्चा की गई। बैठक में प्रस्ताव दिया गया कि एमपी-जेआईटीओ निवेश फोरम की स्थापना की जाए। प्रस्तावना में कहा गया कि दुबई में एक वार्षिक संयुक्त व्यापार फोरम आयोजित करें। इसमें मध्यप्रदेश की प्रमुख परियोजनाओं जैसे, लॉजिस्टिक्स, औद्योगिक पार्क, इलेक्ट्रिक वाहन, फूड प्रोसेसिंग, सेमीकंडक्टर को प्रदर्शित किया जा सके। यह मंच द्विपक्षीय संवाद और एमओयू के लिए एक आधार बनेगा।
जैन प्रवासी समुदाय से जुड़ाव और वैश्विक बाजारों तक पहुंच
प्रस्तावना में कहा गया कि मध्यप्रदेश की नवीन लॉजिस्टिक्स नीति न केवल निर्यातकों के लिए समर्थन देती है, बल्कि अधोसंरचना डेवलपर्स को भी प्रोत्साहन प्रदान करती है। दुबई स्थित कौशल विकास संस्थानों और मध्यप्रदेश के ग्लोबल स्किल पार्क के बीच प्रशिक्षण साझेदारियों की स्थापना हो सकती है। दालों, तिलहन, प्रोसेस्ड फूड जैसे वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट कृषि उत्पादों का राज्य के व्यापार प्रतिनिधि मंडलों के माध्यम से प्रचारित कर जैन प्रवासी समुदाय से जुड़ाव और वैश्विक बाजारों तक पहुंच बनाई जा सकती है।
पायलट प्रोजेक्ट-कॉर्पोरेट सहयोग पर जोर
बैठक में दिए प्रस्ताव के अनुसार जैन कॉर्ड, भीलवाड़ा एनर्जी ग्रुप जैसी कंपनियों के साथ ग्रीनफील्ड टेक्सटाइल मिलों की स्थापना की जा सकती है। बसई, उज्जैन और मंदसौर में फूड पार्कों के लिए दुबई स्थित जेआईटीओ से जुड़े टेक्सटाइल कॉरपोरेट्स के साथ सहयोग किया जा सकता है। दुबई की क्लीनटेक कंपनियों को राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा नीति के अंतर्गत पायलट प्रोजेक्ट्स हेतु आमंत्रित भी किया जा सकता है।
शासन की रणनीतिक भागीदारी-सहयोग
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि मध्यप्रदेश शासन और जेआईटीओ के बीच किस तरह रणनीतिक भागीदारी और सहयोग हो सकता है। बैठक में प्रस्तावित किया गया कि मध्यप्रदेश शासन उच्चस्तरीय गणमान्य व्यक्तियों जैसे शेख नहयान बिन मुबारक अल नहयान (यूएई मंत्री), सुंजय सुधीर (भारतीय राजदूत), और डीपी वर्ल्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित कर सकता है। यूएई-केंद्रित व्यापार रणनीति और अफ्रीका-आधारित व्यापार अवसरों पर आधारित सत्रों की पहल कर सकता है।
मध्यप्रदेश के लिए जेआईटीओ दुबई का महत्व
यह साझेदारी मध्यप्रदेश के अधिकारियों को ऐसे निवेशकों से जोड़ता है जो बड़े अधोसंरचना और औद्योगिक परियोजनाओं में निवेश करना चाहते हैं। प्रवासी जैन उद्यमियों और पेशेवरों के माध्यम से राज्य-विशेष निवेश और जानारियों साझा हो सकती हैं। जेआईटीओ के माध्यम से मध्यप्रदेश प्रतिनिधिमंडत लॉजिस्टिक्स, कृषि-व्यवसाय, पर्यटन और एमएसएमई क्षेत्रों में लक्षित समझौते हो सकते हैं। यूएई में मध्यप्रदेश को एक निवेश-मैत्रीपूर्ण और वैश्विक रूप से जुड़ा हुआ राज्य प्रदर्शित किया जा सकता है।