Search E-Paper WhatsApp

आईएमसी ने 1000 करोड़ का राजस्व संग्रह पार किया, इस साल पिछले साल से 27% अधिक कर संग्रह हुआ

By
On:

इंदौर: इंदौर में IMC रेवेन्यू ने कमाल कर दिया! इंदौर नगर निगम (IMC) ने इंदौर टैक्स कलेक्शन के जरिए 1000 करोड़ का माइलस्टोन पार कर लिया. वित्तीय वर्ष 2024-25 में ये रिकॉर्ड पिछले साल के 785 करोड़ से 27.5% ज्यादा है. ये उपलब्धि प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स और दूसरी सेवाओं के जरिए हासिल हुई, जिसके लिए IMC ने आखिरी दिन देर रात तक काउंटर खुले रखे। इंदौर नगर निगम (IMC) ने IMC रेवेन्यू में इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में IMC ने इंदौर टैक्स कलेक्शन के जरिए 1000 करोड़ का माइलस्टोन पार कर लिया, जो पिछले साल के 785 करोड़ से 27.5% ज्यादा रहा. इंदौर में IMC ने 1000 करोड़ राजस्व संग्रह पार किया, पिछले साल से 27.5% अधिक कर संग्रह, संपत्ति कर और जल कर से बना रिकॉर्ड, जानिए कैसे हुआ ये चमत्कार।

31 मार्च वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन होने के कारण IMC ने देर रात तक अपने काउंटर खुले रखे, रात 8:30 बजे तक 1000 करोड़ का आंकड़ा पार हो गया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव भैया और IMC आयुक्त शिवम वर्मा जी ने कहा कि करदाताओं की जागरूकता, सख्ती और नियमित निगरानी के कारण यह संभव हो पाया।

IMC राजस्व में 1000 करोड़ का माइलस्टोन कैसे हासिल हुआ?

IMC राजस्व में 1000 करोड़ के माइलस्टोन तक पहुंचने के लिए IMC ने कई कदम उठाए। इंदौर कर संग्रह को बढ़ाने के लिए संपत्ति कर और जल कर पर ध्यान केंद्रित किया गया। जल कर संग्रह पिछले साल के 29 करोड़ से बढ़कर 125 करोड़ हो गया। IMC ने 34 सरकारी विभागों से बकाया कर वसूलने के लिए दिसंबर से अभियान शुरू किया और 108 कॉलोनियों को निचले कर स्लैब से उच्च स्लैब में स्थानांतरित कर दिया। 12.35 लाख रुपए बकाया टैक्स के चलते भिचौली मर्दाना में एक प्रॉपर्टी को सील करने जैसी सख्ती भी दिखाई गई।

टैक्स कलेक्शन की सफलता और मध्यम वर्ग पर बढ़ता दबाव

इंदौर टैक्स कलेक्शन की इस सफलता ने आईएमसी की वित्तीय सेहत को मजबूत किया है और इसका उपयोग शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में किया जाएगा, जैसे बिलावली झील को वाटर स्पोर्ट्स हब बनाना। लेकिन आईएमसी रेवेन्यू बढ़ाने के लिए की गई सख्ती को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। इंदौर में प्रॉपर्टी टैक्स और वाटर टैक्स की दरें पहले से ही ज्यादा हैं और डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुल्क भी मुफ्त नहीं है। कुछ लोगों का कहना है कि टैक्स बढ़ने से मध्यम वर्ग पर दबाव बढ़ रहा है। वहीं आईएमसी का कहना है कि नियमित समीक्षा और निगरानी के कारण यह रिकॉर्ड बना है।

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News