Homemade Kadha Recipe: दिवाली के बाद से देशभर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से बढ़ गया है। हवा में घुला ज़हर अब लोगों के फेफड़ों पर असर डालने लगा है। ऐसे में न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन ने एक घरेलू नुस्खा साझा किया है, जो न सिर्फ फेफड़ों की सफाई करेगा बल्कि खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों से भी बचाएगा। उनके अनुसार, इस काढ़े को 3-4 महीने तक रोज़ाना पीने से सर्दियों में होने वाली सांस की दिक्कतों से राहत मिल सकती है।
फेफड़ों की सफाई और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला काढ़ा
इस काढ़े को पीने से फेफड़ों में जमा गंदगी और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं। यह फेफड़ों को मजबूत बनाता है और प्रदूषित हवा से बचाव करता है। न्यूट्रिशनिस्ट कहती हैं कि सर्दियों में जब वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, तब यह काढ़ा शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और सांस से जुड़ी बीमारियों को दूर रखता है।
काढ़ा बनाने की विधि (Kadha Recipe in Hindi)
इस हेल्दी काढ़े को बनाने के लिए —
एक पैन में एक गिलास पानी डालें।
उसमें 2-3 लौंग, आधा चम्मच हल्दी, एक चुटकी काली मिर्च, कुछ तुलसी के पत्ते, और थोड़ा गुड़ डालें।
पानी को 5-7 मिनट तक उबालें।
अब इसे छान लें और 1 चम्मच नींबू का रस डालें।
धीरे-धीरे चुस्की लेकर इस काढ़े को पिएं।
काढ़ा पीने के फायदे (Kadha Benefits in Hindi)
तुलसी: यह प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर है, जो बलगम हटाकर सांस लेने में आसानी देता है।
लौंग: गले की खराश को कम करती है और फेफड़ों के ऊतकों की रक्षा करती है।
हल्दी: इसमें मौजूद करक्यूमिन सूजन कम करता है और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालता है।
काली मिर्च: हल्दी के गुणों को शरीर में अवशोषित करने में मदद करती है।
गुड़: फेफड़ों में जमा धूल और प्रदूषण को साफ करता है।
नींबू: विटामिन C से भरपूर नींबू शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करता है और ऑक्सीजन फ्लो सुधारता है।
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कब और कैसे पिएं ये काढ़ा
न्यूट्रिशनिस्ट लीमा महाजन के अनुसार, इस काढ़े को दिन में एक बार हल्का गुनगुना पीना चाहिए। सुबह खाली पेट या नाश्ते से पहले इसे लेना सबसे फायदेमंद रहता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और प्रदूषित हवा से होने वाली समस्याओं से प्राकृतिक सुरक्षा मिलती है।





