आजकल ज़्यादातर लोग डेस्क जॉब यानी 9 से 5 की नौकरी करते हैं, जिसमें घंटों तक एक ही जगह बैठे रहना पड़ता है। घर आने के बाद भी मोबाइल या लैपटॉप पर समय बिताने की वजह से शरीर को बिल्कुल भी हरकत नहीं मिलती। यही बैठे-बैठे वाली लाइफस्टाइल कई बीमारियों को बुलावा देती है, जिनमें से एक है हर्निया। मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, दिल्ली के सीनियर डायरेक्टर डॉ. आशीष गौतम बताते हैं कि लंबे समय तक बैठने की आदत से भी हर्निया हो सकता है और इसे रोका जा सकता है कुछ आसान उपायों से।
हर्निया क्या होता है?
डॉ. गौतम के अनुसार, हर्निया वह स्थिति है जब शरीर का कोई आंतरिक अंग या टिश्यू (ऊतक) पेट की मांसपेशियों या संयोजक ऊतक की कमजोर जगह से बाहर की ओर उभर आता है। आमतौर पर लोग मानते हैं कि सिर्फ भारी वजन उठाने से हर्निया होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। लंबे समय तक बैठने, गलत पॉश्चर रखने और पेट की मांसपेशियों के कमजोर होने से भी यह समस्या हो सकती है। कई बार खांसने, छींकने या अचानक झुकने पर भी हर्निया हो जाता है।
डेस्क जॉब करने वालों को ज्यादा खतरा क्यों?
जो लोग पूरे दिन कुर्सी पर बैठे रहते हैं, उन्हें पेट के निचले हिस्से में लगातार दबाव पड़ता है। डॉ. गौतम बताते हैं कि गलत बैठने की मुद्रा, झुककर कंप्यूटर देखना और कम हरकत करने से ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। धीरे-धीरे पेट के अंदरूनी हिस्से कमजोर पड़ जाते हैं। इसके अलावा, कब्ज की समस्या भी बैठने वाली जीवनशैली से बढ़ जाती है, जो पेट में दबाव बढ़ाकर हर्निया का खतरा और बढ़ा देती है।
हर्निया से बचाव के आसान उपाय
हर्निया से बचने के लिए सबसे ज़रूरी है रोज़ाना शरीर को एक्टिव रखना।
- हर घंटे में 5 मिनट का ब्रेक लेकर थोड़ा टहलें।
- सीधा बैठें और पीठ के नीचे उचित सपोर्ट रखें।
- डेस्क जॉब करने वाले लोग प्लैंक, ब्रिज और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ ज़रूर करें।
- भोजन में फाइबर और पानी की मात्रा बढ़ाएं ताकि कब्ज की समस्या न हो।
- वजन नियंत्रण में रखें और जंक फूड से दूरी बनाएं।
ऑफिस में ये बदलाव करें तो मिलेगा फायदा
ऑफिस में काम करने का तरीका थोड़ा बदलना भी ज़रूरी है। एडजस्टेबल डेस्क या स्टैंडिंग वर्कस्टेशन का इस्तेमाल करें। मॉनिटर को आंखों के स्तर पर रखें ताकि झुकने की जरूरत न पड़े। कंपनियों को भी अपने कर्मचारियों के लिए वॉकिंग मीटिंग्स, हेल्थ ब्रेक या वेलनेस प्रोग्राम जैसी पहल करनी चाहिए।
अगर हर्निया का इलाज न करवाया जाए तो क्या होता है?
डॉक्टरों के अनुसार, अगर हर्निया को नज़रअंदाज़ किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। समय रहते इलाज न कराने पर आंतों में रुकावट (Obstruction) या Strangulation जैसी जटिलताएँ हो सकती हैं, जिनमें सर्जरी की जरूरत पड़ती है। लेकिन अगर शुरुआत में ही पहचान हो जाए और जीवनशैली सुधारी जाए, तो हर्निया से आसानी से बचा जा सकता है।





