आमला–Hatya ka khulasa –बेटे की हरकतों से माता-पिता इतने तंग आ गए कि उन्होंने उसकी हत्या कर दी और शव को सड़क किनारे फेंक दिया । पुलिस ने विवेचना के बाद तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर माता-पिता से कड़ाई के साथ पूछताछ की तो हत्या का खुलासा हो गया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
मुलताई एसडीओपी नम्रता सोंधिया और आमला थाना प्रभारी संतोष पन्द्रे ने अंधे कत्ल का खुलासा करते हुए बताया कि 13 अक्टूबर 2022 को संतोष बिंझवे उम्र 28 साल का शव उसके घर के पीछे सड़क किनारे पड़ा मिला था। गले पर धारदार हथियार से चोट के निशान पाए गए। पुलिस ने पोस्टमार्टम सीएचसी आमला में कराया जिसकी रिपोर्ट में मृतक संतोष बिंझवे को गले मे तेज धारदार हथियार से मारकर हत्या करना बताया गया। इस पर पुलिस ने अज्ञात आरोपितों के खिलाफ धारा 302, 201 का कायम कर विवेचना प्रारंभ की।
तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर मृतक के माता-पिता से पूछताछ की गई तो वे आपस में विरोधाभाषी बयान दे रहे थे। मृतक के पिता अभिराम के शरीर पर कुछ चोट के निशान भी पाए गए जिससे संदेह बढ़ गया। पुलिस ने जब बारीकी से पूछताछ की तो मृतक के पिता अभिराम बिंझवे ने जुर्म स्वीकार कर बताया कि बेटा संतोष बिंझवे का व्यवहार अच्छा नहीं था। वह कई सालों से उनके साथ शराब पीकर मारपीट करता आ रहा था। अभी तक करीबन 8–10 बार मारपीट कर चोट पहुंचा चुका है। 25 सितंबर 2022 को भी मृतक ने अपने पिता अभिराम को शराब पीकर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था जिससे उसका दाहिना कान कट गया था। इसके बाद वह अहमदाबाद काम करने भाग गया था। पूर्व में एक बार हाथ भी तोड़ दिया था।
10 अक्टूबर 2022 को संतोष बिंझवे अहमदाबाद से वापस ससाबड़ आया और घर में बैग रखकर आमला में अपने चचेरे भाई राजेश के घर रहने चला गया। 12 अक्टूबर 2022 की शाम सात बजे करीब घर आया और शराब पीने के लिये पैसे मांगने लगा। मना करने पर लकड़ी से माता-पिता दोनों के साथ मारपीट किया। जिससे पिता अभीराम के चेहरे एवं पसली मे चोट लग गई थी। पिटाई के कारण मां कुसुम बाई के द्वारा 100 रुपये दे दिए ताे वह दोस्तों के साथ शराब पीने चला गया। रात करीबन 10.30 बजे संतोष बिंझवे नशे की हालत में घर वापस आया और गाली गलौज कर माता-पिता के साथ मारपीट करने लगा।
पिता अभिराम ने घर में रखी कटार से उसका गला काट दिया और खून न बहे इसलिए उसके जींस के पेंट को गले में मजबूती से कस दिया। रात करीब एक बजे पिता अभिराम ने मृतक संतोष के दोनों पांव पकड़े और मां कुसुम बाई ने उसके दोनों हाथ पकड़कर पीछे के दरवाजे से लाश को धीरे-धीरे खींचते हुए घर के पीछे की तरफ ढलान में कच्ची रोड़ के किनारे तक ले जाकर फेंक दिया। अभिराम ने मृतक के गले में बांधा हुआ जींस का पेंट खोलकर झाड़ियों के अंदर फेंक दिया और वापस अपने घर चले गए।
मृतक के पिता अभिराम ने पुलिस को बताया कि उसको यह संदेह हो गया था कि बेटा संतोष कभी भी माता-पिता को जान से मार सकता है तथा घर बेच कर भाग सकता है। इसलिए घटना दिनांक को मौका देखकर कटारनुमा चाकू से गले पर मारकर हत्या कर दी। किसी को पता न चले इसलिये शव को झाड़ियों में ले जाकर पत्नी की मदद से फेंक दिया। पुलिस ने हत्या के लिए प्रयुक्त तेज धारदार लोहे की कटारनुमा चाकू बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।