Gulchain Singh Charak: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री और डोगरा सभा के अध्यक्ष गुलचैन सिंह चरक का शुक्रवार को निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से पूरे जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वे लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे और समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे थे।
लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े थे
गुलचैन सिंह चरक का नाम जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक सशक्त और सम्मानित व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। वे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे और राज्य की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। मंत्री रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों को आगे बढ़ाया। उनकी साफ-सुथरी छवि और जनसेवा के प्रति समर्पण के कारण उन्हें जनता का खूब स्नेह मिला।
डोगरा सभा के अध्यक्ष के रूप में किया अमूल्य योगदान
गुलचैन सिंह चरक जम्मू-कश्मीर डोगरा सभा के अध्यक्ष भी थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने डोगरा संस्कृति, भाषा और परंपरा को बचाने और संवारने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे हमेशा युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने की बात करते थे। उनके नेतृत्व में डोगरा सभा ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कई पहल कीं।
सामाजिक और राजनीतिक जगत में शोक की लहर
गुलचैन सिंह चरक के निधन की खबर मिलते ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद, कई कांग्रेस नेताओं और स्थानीय संगठनों ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। लोगों ने उन्हें एक सच्चा जननेता बताया, जो हर वर्ग के लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे।
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जनता के प्रिय नेता और सादगी के प्रतीक
गुलचैन सिंह चरक अपनी सादगी, मिलनसार स्वभाव और जनता के बीच गहरी पकड़ के लिए जाने जाते थे। उन्होंने जम्मू क्षेत्र के विकास, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण में महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके निधन से प्रदेश ने एक सच्चा समाजसेवी और कर्मठ नेता खो दिया है।





