री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी 2024 में जोड़ा जाने वाला नया प्रावधान
Guideline: सरकार की री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है, जिससे सरकारी संपत्तियों और भूमि के पुनर्विकास की प्रक्रिया में बड़ा अंतर आएगा। री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी 2024 में जोड़ा जाने वाला नया प्रावधान यह है कि डेवलपर्स को अब सरकारी जमीन या संपत्ति 100% कलेक्टर गाइडलाइन दर पर मिलेगी।
पॉलिसी के प्रमुख बिंदु:
पुरानी पॉलिसी:
अभी तक लागू री-डेंसिफिकेशन पॉलिसी 2022 के अनुसार, सरकारी संपत्तियों का पुनर्विकास कलेक्टर गाइडलाइन दर के 60% पर होता था।
नई पॉलिसी:
2024 की संशोधित पॉलिसी के अनुसार, यह दर बढ़ाकर 100% कर दी जाएगी, जिससे डेवलपर्स को सरकारी जमीन पूरी कीमत पर नीलामी में लेनी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि अब रिजर्व प्राइस 100% कलेक्टर गाइडलाइन होगा।
प्रभाव:इससे सरकारी खजाने को बड़ा फायदा होगा, लेकिन आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं की लागत भी बढ़ेगी।वर्तमान में सरकार 1000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम कर रही है, और संशोधित पॉलिसी के लागू होने से 40 अन्य प्रोजेक्ट पर भी इसका असर होगा।
महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स:
भोपाल: नए कलेक्टोरेट भवन के पुनर्निर्माण पर यह पॉलिसी लागू होगी। पुराने कलेक्टोरेट भवन की जगह 100% कलेक्टर गाइडलाइन दर पर डेवलपर्स को जमीन मिलेगी।
इंदौर: वैष्णव पॉलिटेक्निक कॉलेज का री-डेंसिफिकेशन भी इसी नीति के तहत होगा। इसके अलावा, रेडियो कॉलोनी और होलकर कॉलेज की योजनाओं पर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा।
जबलपुर और ग्वालियर: यहां नौदरा ब्रिज, दमोह नाका और नेहरू उद्यान के पास की जमीनों पर भी नई पॉलिसी के तहत प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।इस नीति में बदलाव से सरकारी भूमि के मूल्य में वृद्धि होगी, और डेवलपर्स को बाजार दर के अनुसार जमीन खरीदनी होगी, जिससे राज्य को आर्थिक लाभ होगा।
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