गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंचने से 5 किमी का सफर किया तय
Ground Reality – शाहपुर – एक तरफ जहां सरकार विकास के बड़े-बड़े दायदे करती है, लेकिन उसकी जमीनी हकीकत शर्मशार करने वाली तस्वीरे बता रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कितना विकास हुआ है। आज भी सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को मरीजों या गर्भवती महिलाओं को खटिया पर लिटाकर कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला शाहपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत मोखामाल के छितरीबढ़ गांव से सामने आया है, जहां गर्भवती महिला को लेवर पेन होने पर एम्बुलेसं बुलाई गई लेकिन एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंची जिसके कारण ग्रामीणों ने महिला को खटिया पर लिटाकर पांच किलोमीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचाया।
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बताया जा रहा है कि गर्भवती महिला अंजु तुमड़ाम को आज सुबह लेबर पेन होने पर उसे अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने एम्बुलेंस को फोन किया। एम्बुलेंस गांव से पांच किलोमीटर दूर तक पहुंची लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने के कारण बारिश में कीचड़ होने के कारण एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई। गर्भवती महिला की तकलीफ को देखते हुए परिजनों ने उसके तत्काल खटिया पर लिटाया और एम्बुलेंस तक ले गए जहां से उसे प्रसव के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर ले जाया गया। Ground Reality
एक तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश में युद्ध स्तर पर विकास करने और विकास की गंगा बहाने जैसे दांवे करती है वहीं दूसरी तरफ गांव को शहर और मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क जैसी योजनाएं चलाई जा रही है। इसके बावजूद भी स्थिति यह है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में आज भी विकास नहीं पहुंच पा रहा है। खासतौर पर बारिश के मौसम में इन क्षेत्रों के ग्रामीणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। अगर घर में कोई बीमार हो जाए या किसी गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल ले जाना पड़े तो उन्हें खटिया का सहारा लेना पड़ता है।
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