Govt Announcement: मध्य प्रदेश के पेंशनरों के लिए अच्छी खबर है। मप्र सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली 1976 में परिवर्तन होने जा रहा है। इसके लिए मध्यप्रदेश कर्मचारी आयोग द्वारा नवीन पेंशन नियमावली का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसे शीघ्र ही वित्त विभाग को भेजकर मंत्रिपरिषद में रखा जायेगा। अप्रूवल के लिए। मसौदे में बनाए गए नियमों को लेकर 30 नवंबर को अहम बैठक हो चुकी है। नए नियम केंद्र सरकार के नियमों के अनुरूप होंगे।
पेंशन को ले कर और सरकार ने फिर से लागु किये नियम जाने नए नियम।
बताया जाता है कि नए नियम के तहत किसी भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद एक दिन भी पेंशन बंद नहीं होगी और ऐसा होने पर सीधे तौर पर जिला पेंशन अधिकारी जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वही राज्य सरकार इसका ब्याज देगी। इसका लाभ हर साल रिटायर होने के बाद मिलेगा। 7000 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को यह मिलेगा। सूत्रों की मानें तो इसका लाभ जनवरी 2023 से सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जा सकता है। इसके तहत सारा काम ऑनलाइन सिस्टम पर होगा और केंद्र के नियमों के मुताबिक इसका सरलीकरण किया जाएगा।
नए नियम इस तरह होंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर नए पेंशन नियम लागू होते हैं तो सबसे पहले उन अधिकारी-कर्मचारियों का आवेदन लिया जाएगा जो सेवा के दौरान लापता हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है. पेंशन सूची में कल्याणी, दिव्यांग या तलाकशुदा का नाम कैसे जोड़े। अधिकारी व कर्मचारी खुद फाइल तैयार करेंगे, इसके लिए विभाग के डीडीओ मदद करेंगे. सेवानिवृत्ति से पूर्व पेंशन भुगतान आदेश तैयार करवाने की जिम्मेदारी जिला पेंशन अधिकारी की होगी।
पेंशन को ले कर और सरकार ने फिर से लागु किये नियम जाने नए नियम।
देरी होने पर कार्रवाई की जाएगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर किसी कारण से देरी होती है तो इसका कारण जिला पेंशन अधिकारी को बताना होगा, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी. यदि सेवा पुस्तिका में जन्मतिथि में कोई गलती है या नियुक्ति संबंधी कोई सुधार है तो उसे सेवानिवृति से पहले सुधारना होगा। सेवा पुस्तिका अधूरी पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जायेगी.