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भारत में गूगल का पहला डेटा सेंटर बनेगा विशाखापट्टनम में

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नई दिल्ली । भारत में दिग्गज गूगल कंपनी अब तक का अपना सबसे बड़ा निवेश करने जा रही है। इस मेगाप्रोजेक्ट में कुल 6 अरब डॉलर यानी लगभग रुपए 51,000 करोड़ का निवेश किया जाएगा। कंपनी आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 1 गीगावॉट क्षमता वाला एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर और उससे जुड़ा पावर इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करेगी। यह भारत में न सिर्फ गूगल का पहला डेटा सेंटर होगा, बल्कि एशिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा और उच्च क्षमता वाला डेटा सेंटर भी होगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस पूरे निवेश में से करीब 2 अरब डॉलर, यानी रुपए 17,000 करोड़, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापना में खर्च किए जाएंगे, जो इस डेटा सेंटर को बिजली उपलब्ध कराएगी।
इसका उद्देश्य गूगल के वैश्विक स्तर पर पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को बनाए रखना है। यह निवेश गूगल की उस वैश्विक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे दक्षिण एशियाई देशों में भी अपने डेटा सेंटर नेटवर्क का विस्तार कर रही है। कंपनी ने पहले ही घोषणा की थी कि आर्थिक अनिश्चितताओं और वैश्विक टैरिफ नीतियों के बावजूद, वह वर्ष 2025 तक करीब 75 अरब डॉलर यानी रुपए 6.37 लाख करोड़ की राशि वैश्विक स्तर पर डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में खर्च करेगी। भारत में किया जा रहा यह निवेश इस रणनीति का अहम हिस्सा माना जा रहा है।
इस नए डेटा सेंटर की भव्यता और तकनीकी क्षमता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि अगर इसमें 50,000 सर्वर लगाए जाएं, और हर सर्वर में औसतन 10 टेराबाइट स्टोरेज हो, तो कुल डेटा स्टोरेज क्षमता 500,000 टेराबाइट या 500 मिलियन गीगाबाइट होगी। यानी लगभग 500 करोड़ जीबी डेटा एक साथ सुरक्षित किया जा सकेगा। यह आंकड़ा डेटा सेंटर के डिजाइन और उपयोग के हिसाब से और भी ज्यादा हो सकता है। कुछ विशेष केंद्रों में स्टोरेज क्षमता 100 मिलियन से लेकर 1 बिलियन गीगाबाइट तक भी हो सकती है। इस परियोजना से भारत को न केवल डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में मजबूती मिलेगी, बल्कि रोजगार, हरित ऊर्जा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में भी बड़ा लाभ होने की उम्मीद है।

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