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60 देशों से आ रहे निवेशक, एमपी में होगी धन वर्षा

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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 को लेकर तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और विशिष्ट मेहमानों की सूची भी लगभग फाइनल हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रदेश में मौजूद अपार संभावनाओं से परिचित कराने के लिए करीब 60 देशों से उद्यमियों को आमंत्रित किया है। इसमें 13 राजदूतों, 6 उच्चायुक्तों और प्रमुख रणनीतिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई महावाणिज्यदूतों की भागीदारी भी सुनिश्चित हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव की अनूठी पहल देश के महानगरों में उद्योगपतियों के साथ मीटिंग और यूके, जर्मनी और जापान में निवेशकों को आकर्षित करने रोड-शो के आयोजन ने न सिर्फ क्षेत्रीय उद्योगों को एक सुदृढ़ प्लेटफार्म दिया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने प्रदेश में निवेश की रुचि दिखाई है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राजनयिक कोर की भागीदारी का नेतृत्व जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड और मलेशिया के महावाणिज्यदूतों सहित मिशनों के प्रमुखों द्वारा किया जा रहा है। इसमें यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड, नीदरलैंड और कनाडा के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधि भी शामिल हैं। राजनयिक उपस्थिति को और प्रभावी करते हुए, नेपाल, मोरक्को, जिम्बाब्वे, अंगोला और बुर्किनाफांसो के राजदूतों के साथ रवांडा, सेशेल्स, जमैका, लेसोथो और युगांडा के उच्चायुक्तों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है।

जीआईएस भोपाल में विश्व बैंक की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। जीआईएस में विश्व बैंक का नेतृत्व कंट्री डायरेक्टर श्री ऑगस्टे तानो कौमे कर रहे हैं। उनके साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल परिवर्तन के वरिष्ठ विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे। इसके अतिरिक्त निवेश संवर्धन एजेंसियों के संगठन (डब्ल्यूएआईपीए) का प्रतिनिधित्व उप कार्यकारी निदेशक श्री दुष्यंत ठाकोर करेंगे।

जीआईएस भोपाल में विकसित अर्थव्यवस्थाओं की प्रमुख व्यापार और निवेश संवर्धन एजेंसियों ने भी अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। इनमें महानिदेशक श्री हिरोयुकी कितामुरा के नेतृत्व में जेट्रो (जापान), निदेशक सुश्री सीमा भारद्वाज के प्रतिनिधित्व में जर्मन ट्रेड एंड इन्वेस्ट और इन्वेस्ट ओटावा का वरिष्ठ नेतृत्व शामिल हैं। शिखर सम्मेलन में इतालवी व्यापार एजेंसी, कनाडा की व्यापार आयुक्त सेवाएं, ऑस्ट्रेड (ऑस्ट्रेलिया) और मैट्रेड (मलेशिया) का भी प्रमुख प्रतिनिधित्व है, जो मध्यप्रदेश में मजबूत क्रॉस-महाद्वीपीय निवेश रुचि को दर्शाता है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 को द्विपक्षीय चैंबर्स ऑफ कॉमर्स से भरपूर समर्थन मिला है, जो प्रमुख आर्थिक साझेदारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रबंध निदेशक श्री स्टीफन हालुसा के नेतृत्व में इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईजीसीसी) और जर्मन इंडियन इनोवेशन कॉरिडोर (जीआईआईसी) भारत-जर्मन आर्थिक सहयोग में महत्वपूर्ण विशेषज्ञता लेकर आए हैं। सिंगापुर के आर्थिक हितों का प्रतिनिधित्व सिंगापुर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसआईसीसीआई) द्वारा किया जाता है। इसके अध्यक्ष श्री मनीष त्रिपाठी हैं, जो प्रौद्योगिकी और निवेश के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

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