Gen Z: विश्व के 150 देशों में कैंसर, डायबिटीज और हृदय रोग से मौत का खतरा कम हो रहा है। लेकिन भारत इस मामले में उल्टा रुझान दिखा रहा है। हमारे देश में यह बीमारियां दिन-ब-दिन खतरनाक होती जा रही हैं। Lancet की रिपोर्ट के अनुसार, 185 देशों में 80 साल तक की उम्र वालों की मौत के कारणों का अध्ययन किया गया।
दुनिया के मुकाबले भारत की स्थिति
रिपोर्ट में सामने आया कि दुनिया के 152 देशों में महिलाओं और 147 देशों में पुरुषों में इन बीमारियों से मौत का खतरा घटा है। लेकिन भारत में स्थिति उल्टी है। 2001 में पुरुषों में यह खतरा 47% था, जो 2019 में बढ़कर 49% हो गया। महिलाओं में यह 56% से बढ़कर 58% हो गया।
युवा पीढ़ी पर खतरा (Gen Z)
आज की युवा पीढ़ी भी इन बीमारियों की चपेट में आ रही है। 80% युवा मोटापे का शिकार हैं, 43% में उच्च रक्तचाप और डायबिटीज है। जबकि बुजुर्ग शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दे रहे हैं, युवा इस दिशा से दूर हैं। अगर यह रुझान बढ़ता रहा, तो आने वाली पीढ़ी और देश पीछे रह जाएंगे।
स्वस्थ आदतें और समय पर उठना
सुबह जल्दी उठने के लिए सोने और जागने का समय निर्धारित करें। रात में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। सोने से पहले पर्याप्त पानी पीना भी मदद करता है। योग और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से नॉन-कम्युनिकेबल रोगों से बचाव किया जा सकता है।
कोलेस्ट्रॉल और हृदय स्वास्थ्य
40 साल से कम उम्र के पुरुषों का LDL 240 से अधिक और HDL 160 से अधिक खतरनाक है। 50 साल तक महिलाओं के लिए भी यही स्तर है। 60 साल से ऊपर, LDL 200 और HDL 100 से कम होना चाहिए।
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जरूरी स्वास्थ्य जांच
- ब्लड प्रेशर: महीने में एक बार
- कोलेस्ट्रॉल: हर 6 महीने
- ब्लड शुगर: हर 3 महीने
- आंखों की जांच: हर 6 महीने
- फुल बॉडी स्कैन: साल में एक बार
स्वस्थ जीवनशैली, योग और नियमित जांच से भारत में युवा और बुजुर्ग दोनों अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। समय रहते जागरूक होना ही सुरक्षित भविष्य की कुंजी है।