खेकड़ा कस्बा के निवासी राजेश कुमार ने बताया कि पहले वह गन्ने की खेती बड़े स्तर पर करते थे, लेकिन गन्ने का पेमेंट समय पर न होने के चलते और गन्ने में अधिक लागत खर्च होने के चलते उन्होंने सब्जी की खेती करने का निर्णय लिया। जानिए विस्तार से-
अब गन्ने से ज्यादा मुनाफा दे रही है
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किसान ने गन्ना बेल्ट में गन्ने की खेती छोड़कर गोभी की फसल की उगाई शुरू की है. किसान इन दिनों अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अन्य फसलों से गोभी में तीन गुना ज्यादा मुनाफा हो रहा है. कम लागत के साथ प्राकृतिक तरीके से गोभी अच्छा मुनाफा दे रही है. रोजाना की आमदनी से किसान काफी खुश है.
गन्ना छोड़ इस फसल की कर रहे है खेती।
खेकड़ा कस्बा निवासी राजेश कुमार ( Rajesh Kumar, resident of Khekra town ) ने बताया कि पहले वह गन्ने की खेती बड़े स्तर पर करते थे, लेकिन गन्ने का पेमेंट समय पर न होने के चलते और अधिक लागत खर्च होने के चलते उन्होंने सब्जी की खेती करने का निर्णय लिया.इसके बाद उन्होंने गोभी उगाना शुरू किया. गोभी में उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है.रोज मंडी में गोभी जाती है.
मंडी नजदीक होने का मिल रहा फायदा:
किसान ने बताया कि गन्ने का पेमेंट साल में सिर्फ एक बार मिलता है.जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन गोभी की खेती 3 महीने की खेती होती है. जिसमें दिल्ली मंडी जाते हैं.मंडी नजदीक होने से समय की बचत के साथ खर्चा भी कम होता है और आसानी से अपनी फसल का दाम मिल जाता है.
ऑर्गेनिक तरीके से उग रहे गोभी:
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किसान ने बताया कि खरपतवार की स्प्रे होना बहुत ही जरूरी होता है, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ ना हो.उसके चलते वह प्राकृतिक तरीके से ही गोभी की खेती कर रहे हैं.इसके लिए वह गोभी पर कीटनाशक का भी स्प्रे नहीं करते. गोभी उगाने में पानी कम खर्च होता है.फसल 3 महीने में पककर तैयार हो जाती है.रोजाना गोभी लेबर द्वारा तुड़वाकर मंडी में उसे बेचा जाता है, जिससे डेली पैसा मिल जाता है.कम लागत में गोभी होनाअन्य फसलों से तीन गुना मुनाफा कमाने के बराबर है.कीट को कंट्रोल करना ही सबसे बड़ी चुनौती है. अगर कीट कंट्रोल हो जाता है तो यह एक बहुत अच्छा मुनाफा देती है.