Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

जांजगीर में गणेशोत्सव की धूम, छत्तीसगढ़ी परंपरा का दिखा रंग किसान रूप में विराजे गणपति बप्पा

By
On:

जांजगीर। जांजगीर-चांपा जिले के कोसमंदा गांव के ठाकुरदेव चौक में इस बार गणेश चतुर्थी का आयोजन अनोखे अंदाज में किया गया है। यहां भगवान गणपति को किसान स्वरूप में विराजमान किया गया है। पंडाल भी परंपरागत छत्तीसगढ़ी शैली में घास और सुपा-छिटिया जैसी सामग्रियों से तैयार किया गया है।

किसान रूप में विघ्नहर्ता

गणपति बप्पा को हल, हसिया और गैंती के साथ सजाया गया है, जबकि रिद्धि-सिद्धि को छत्तीसगढ़ी वेशभूषा लुगरा में सजाया गया है। यह दृश्य लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है और पंडाल देखने वालों की भीड़ लगी हुई है।

छत्तीसगढ़ी पकवानों का प्रसाद

इस पंडाल की सबसे खास बात है—यहां प्रसाद के रूप में छत्तीसगढ़ी व्यंजन बांटे जा रहे हैं। लोगों को मिठ्ठा भजिया, ठेठरी, खुर्मी, फरा, चिलारोटी, मुठिया रोटी, आइरसा रोटी, कटवा रोटी और मालपुआ का स्वाद चखने को मिल रहा है। हर दिन अलग-अलग पकवान बनने से ग्रामीणों और आगंतुकों में खास उत्साह है।

लोक संस्कृति का संगम

पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन हो रहा है। नृत्य और खेल प्रतियोगिताओं से माहौल और भी जीवंत हो गया है। आयोजकों के मुताबिक, पंडाल तैयार करने में करीब एक सप्ताह का समय लगा और घास पास के गांवों से जुटाई गई।

संस्कृति को सहेजने की पहल

समिति सदस्यों का कहना है कि छत्तीसगढ़ी व्यंजन और परंपराएं अब धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं। नई पीढ़ी इनमें से कई पकवानों के नाम तक नहीं जानती। इसी सोच के चलते किसान रूप में गणपति और परंपरागत व्यंजन प्रसाद के रूप में देने का निर्णय लिया गया।

गांव को मिली नई पहचान

इस अनोखे पंडाल की पूरे इलाके में चर्चा है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को जीवित रखने की इस पहल की हर वर्ग के लोग सराहना कर रहे हैं और गांव को अलग पहचान भी मिल रही है।

For Feedback - feedback@example.com
Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News