गढ़ा मल्टीविलेज स्कीम में बड़े पैमाने पर हो रही अनियमितताएं
Gadha Multivillage Scheme – बैतूल – 51 गांवों को पेयजल सुविधा देने के लिए गढ़ा मल्टीविलेज स्कीम बनाई गई थी। जिसके तहत इन गांवों में घर-घर नल कनेक्शन देकर पानी पहुंचाया जाना है। 54 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं और घटिया निर्माण की शिकायतें सामने आई हैं। घटिया निर्माण की पोल कंसल्टेंसी कंपनी के इंजीनियर ने खुद खोली है जिसके कारण कंपनी ने इंजीनियर को हटा दिया है। अब इंजीनियर कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लडऩे वाले हैं और लीगल नोटिस देने वाले हैं।
यह है योजना | Gadha Multivillage Scheme
गढ़ा डेम से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गढ़ा मल्टीविलेज स्कीम बनाई गई है। इस स्कीम के तहत गढ़ा डेम के आसपास के 51 गांवों को शामिल किया गया है। योजना का क्रियान्वयन जल निगम छिंदवाड़ा के अंतर्गत कराया जा रहा है। इसके तहत टाहली गांव में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। जिसमें 7 मिलियन लीटर पानी का प्रतिदिन ट्रीटमेंट किया जाएगा। यह पानी गढ़ा डेम में बनाए जा रहे इंटकवेल से लाया जाएगा। यह इंटकवेल 8.66 एमएलडी क्षमता का है। इसके अलावा 30 पानी की टंकी बनाई जाएंगी। और यहां से ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा।
घटिया निर्माण का आरोप
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गढ़ा मल्टीविलेज स्कीम का कार्य भोपाल की एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और इनकी पार्टनर कंपनी कल्याण टोल इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य की कंसल्टेंसी इंट्राटेक सिविल साल्युशन एण्ड कंसल्टेंस पूणे के द्वारा किया जा रहा है। कसल्टेंस कंपनी से हटाए गए फील्ड इंजीनियर सुयोग मेहतो ने ठेकेदार कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है और निर्माण कार्य में मापदण्डों का पालन नहीं किया जा रहा है। जब उन्होंने इसकी जानकारी कसल्टेंस कंपनी के अधिकारियों को दी और जल निगम के आफिशियल व्हाट्सएप गु्रप पर डाली तो उसके बाद उन्हें कंपनी ने हटा दिया था।
क्यूब हो गया था फेल | Gadha Multivillage Scheme
सुयोग मेहतो का आरोप है कि चौकी गांव में पानी की टंकी बनाई जा रही है। इसमें कालम खड़े करने के दौरान क्यूब टेस्ट किया गया था जिसमें क्यूब फेल हो गया था। रिपोर्ट आने के बाद ठेकेदार कंपनी ने मटेरियल निर्माण में कोई बदलाव नहीं किया। श्री मेहतो का कहना है कि पानी की टंकी के निर्माण में क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए क्योंकि घटिया निर्माण सामग्री से टंकी कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है। यह टेस्ट ठेकेदार कंपनी के ही लेब में हुआ था। मैंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए इसकी जानकारी अपने टीम लीडर और जल निगम के अधिकारियों को दी थी।
शिकायतकर्ता को ही हटा दिया
सुयोग मेहतो ने सांध्य दैनिक खबरवाणी से चर्चा करते हुए बताया कि उनके द्वारा जब घटिया मटेरियल लगाए जाने और अन्य मामलों को कंसल्टेंसी कंपनी के सामने रखा तो कंपनी ने उस पर कार्यवाही करना तो दूर उनको ही हटाने की कार्यवाही कर दी। 3 मार्च 2024 को संडे को अवकाश का दिन था। इस दिन कंपनी के अधिकारियों ने अचानक ही विजिट करके उन्हें अनुपस्थित बताकर 5 अप्रैल 2024 को शोकाज नोटिस जारी कर दिया। उन पर आरोप लगाया गया कि वरिष्ठ अधिकारियों से बदतमिजी करते हैं और काम पर मौजूद नहीं रहते हैं। इसके बाद उन्हें कंपनी ने हटा दिया।
करवाई जा रही है जांच | Gadha Multivillage Scheme
गढ़ा मल्टीविलेज स्कीम में हो रही अनियमितताओं को सांध्य दैनिक खबरवाणी ने जल निगम के डीजीएम बसंत कुमार बेलवंशी से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि क्यूब फेल होने की जानकारी विभाग को है। इसको लेकर थर्ड पार्टी निरीक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि ठेकेदार द्वारा समय सीमा में कार्य नहीं किया जा रहा है जिसके कारण उन्हें दो नोटिस जारी कर दिए गए हैं और सुधार नहीं हुआ तो टर्मिनेट कर दिया जाएगा। यह कार्य सितम्बर-अक्टूबर तक पूरा होना था।
आरोप गलत हैं
कंसल्टेंसी के अधिकारियों पर लगे आरोप को लेकर इंट्राटेक सिविल साल्युशन एण्ड कंसल्टेंस के टीम लीडर राजेश पांडे से सांध्य दैनिक खबरवाणी ने चर्चा की तो उनका कहना है कि सुयोग मेहतो गलत बोल रहे हैं। बल्कि कंपनी ने उनकी ही लापरवाही के कारण उनको हटाया था। वे साइड पर नहीं जाते थे और अधिकारियों से बहस करते थे। जो आरोप लगे हैं उसको लेकर क्वालिटी टेस्ट कराया गया था वो सही था। विभाग के द्वारा भी थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन दूसरी कंपनी से कराया जा रहा है।
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