जयपुर: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विधानसभा के पूर्व विधायक के तौर पर पेंशन पाने के लिए आवेदन किया है। धनखड़ 1993 से 1998 तक अजमेर जिले के किशनगढ़ क्षेत्र से विधायक रहे थे। उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद अब उन्होंने इस पेंशन के लिए औपचारिक अर्जी दी है। विधानसभा सचिवालय ने उनके आवेदन पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा सचिवालय सूत्रों के अनुसार, फिलहाल जगदीप धनखड़ के आवेदन की पात्रता जांच की प्रक्रिया जारी है।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक जीवन लंबा और विविध रहा है। वे 1989 से 1991 तक झुंझुनू से जनता दल के सांसद रहे और चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री भी बने। इसके बाद 1993 में वे कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ से विधायक चुने गए। 2019 से 2022 तक उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में काम किया और फिर 2022 से 2025 तक देश के उपराष्ट्रपति रहे। अब पूर्व विधायक के नाते उन्होंने पेंशन की मांग की है।
जगदीप धनखड़ को पेंशन के साथ क्या क्या सुविधाएं मिलेंगी?
राजस्थान सरकार के नियमों के अनुसार, पूर्व विधायकों को उनके कार्यकाल की अवधि के हिसाब से पेंशन और अन्य सुविधाएं मिलती हैं। धनखड़ के मामले में उनके 1993 से 1998 तक के विधायक कार्यकाल को आधार माना जाएगा। अगर उनकी अर्जी मंजूर हो जाती है, तो उन्हें हर महीने करीब 42 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। इसके अलावा उन्हें चिकित्सा सुविधा, यात्रा भत्ता और कुछ प्रशासनिक फायदे भी मिल सकते हैं।
राजस्थान में पूर्व विधायकों को मिलनी वालीं सुविधाएं
राजस्थान में पूर्व विधायकों को पेंशन के साथ-साथ कई और सुविधाएं भी मिलती हैं। इसमें उनके परिवार के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा, सरकारी काम या विधानसभा से जुड़ी यात्राओं के लिए भत्ता और विधानसभा कार्यक्रमों में भागीदारी जैसी सहूलियतें शामिल हैं।