सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल:- नपा बैतूल द्वारा लगभग पांच हजार रुपए प्रति गमला मय पौधा की दर से 60 पौधों को रोड के दोनों किनारों पर लावारिस स्थिति में रखकर शासकीय राशि का सदुपयोग कर लिया गया है, और इन 60 पौधों में से पहला पौधा मय गमले के साथ कल दोपहर शहीद हो गया। लगभग 3 लाख रुपए नगरपालिका के खजाने पर चूना लगाकर नगरपालिका प्रशासन सौंदर्यीकरण के साथ बैतूल शहर का ग्रीन कवर यानी वातावरण को सुरक्षित रखने का असफल प्रयास कर रहा है।
इस प्रयास से शहर के वातावरण पर तो फर्क नहीं पड़ रहा पर नगरपालिका के शीर्ष अधिकारी और चहेते ठेकेदार की जेब का कवर जरूर मोटा होता जा रहा है। खबरवाणी ने यह जानने की कोशिश की है कि यह सुझाव किस अधिकारी की देन है और जो गमले खरीदे गए हैं, उनकी गुणवत्ता का क्या पैमाना है। वहीं जो पौधे इन गमलों में लगाए गए हैं उनमें ऑक्सीजन का उत्सर्जन लगभग नगण्य है। यदि नगरपालिका तीन लाख रुपए की राशि से शहर की सडक़ों के दोनों तरफ आम, नीम, इमली, बरगद जैसे पेड़ों का रोपण ट्री-गार्ड के साथ करता तो लगभग एक हजार पेड़ लग सकते थे, जिनसे न सिर्फ शहर का ग्रीन कवर बढ़ता बल्कि प्रदूषण में भी भारी कमी आती। जब खबरवाणी संवाददाता ने हाऊसिंग बोर्ड के रहवासियों से इन गमलों और पौधों के रखरखाव पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि जब से पौधे लगे हैं तब से हमने किसी को पानी देते हुए नहीं देखा, बारिश के चलते इन पौधों की किस्मत से इन्हें पानी नसीब हो गया पर कब तक बेचारे पौधों की किस्मत भी जोर मारेगी।
इनका कहना है
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है कि गमले कब खरीदे गए, हाँ पौधे खरीदने की बात जरूर हुई थी पर इतना महंगा गमला कहां आता है। आप सीएमओ से बात कर लीजिए।
– पार्वतीबाई बारस्कर, अध्यक्ष नगरपालिका बैतूल
इनका कहना है
पांच लाख तक की खरीदी का अधिकारी सीएमओ नगरपालिका को है, 5 से 10 लाख नगरपालिका अध्यक्ष, 10 लाख से ऊपर पीआईसी को। मुझे नहीं पता कि यह गमले और पौधे कब और किस मद से खरीदे गए।
-बंडू महाले, पार्षद (सभापति), नगरपालिका बैतूल
इनका कहना है
मुझे इसकी जानकारी नहीं है, मैं फाइल निकलवाकर इसकी जांच करवाएंगे और यदि इतनी महंगी दर पर गमले और पौधे खरीदे गए हैं तो निश्चित तौर पर इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है। हालांकि किसी भी बिल का भुगतान बिना अध्यक्ष की जानकारी नहीं होता है।
– राजकुमार दीवान, नेता प्रतिपक्ष नगरपालिका परिषद, बैतूल