भारत मान्यताओं का देश माना जाता है यहाँ बचपन से ही बच्चों को अच्छे संस्कार दिये जाते हैं सबसे पहले बड़ो का आदर सम्मान करना सिखाया जाता है। और सही और गलत की सीख भी दी जाती है। ये भी बात बचपन में ही सीखा दी जाती है की बड़ो को कुछ चेज़ों को हमें पैर नहीं लगाना चाहिए, कुछ चीज़ों को पैर लगने से हम पाप के भागीदारी बनते हैं।
चाणक्य नीति में भी इन चीज़ो का वर्णन किया जाता है चाणक्य नीति हमारे जीवन को सरल बनाती है. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में 7 लोगों का जिक्र किया है, जिन्हें गलती से पैर नहीं मारना चाहिए,
आपको बताते हैं की कौन सी है वो 7 चीज़े और लोग
1.गुरु
भारत में गुरु को माता-पिता से बढ़कर माना जाता है. कहा जाता है कि गुरु को हमेशा आदर और सम्मान देना चाहिए. वहीं, जो लोग गुरु का अपमान करते हैं उन लोगों का सर्वनाश होता है.
2 ब्राह्मण
हामरे समाज में ब्राह्मण को ऊंचा दर्जा दिया गया है. कोई भी शुभ काम में हम ब्राह्मण को पहले भोजन कराते हैं, तब अपने काम की शुरुआत करते हैं. कहते हैं कि ब्राह्मण का तिरस्कार कभी नहीं करना चाहिए.
3. गाय
हमारे यहां गाय को माता का रूप माना जाता है. इसको कभी परेशान नहीं करना चाहिए. इससे घर में अशांति फैल जाती है.
4. आग
आग यानि अग्नि को शास्त्रों में देवता माना जाता है. सभी शुभ कामों में अग्नि को साक्षी मानकर वचन लिया जाता है. कहते है अग्नि का अपमान करना मतलब देवता का अपमान करना होता है. अग्नि को कभी भी उंडेलकर नहीं जाना चाहिए और गलती से पैर लगने पर मांफी मांग लेनी चाहिए.
5. कुंवारी लड़की
कुंवारी लड़की को देवी का रूप माना जाता है, इसलिए कभी लड़की को पैर नहीं लगाना चाहिए.
6. शिशु
हिंदू धर्म के अनुसार, शिशु यानि बच्चे को भगवान का रूप माना जाता है, इसलिए उन्हें पैर से कभी ठोकर नहीं मारनी चाहिए. कहते हैं शिशु का अपमान करना भगवान का अपमान करना होता है.
7. बुजुर्ग
भारत में बच्चों को हमेशा सिखाया जाता है कि बडे़ बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए. बुजुर्ग का अपमान करने से सभी ग्रह नाराज हो जाते है, जिसका असर बहुत बुरा होता है और घर में सुख-समृद्धि नहीं रहती है.
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