यहाँ आसानी से समझें पूरी प्रकारिया
EVM Vote Count – वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के मतदान अब कुछ हफ्तों में समाप्त हो जाएंगे, उसके बाद वोटकाउंटिंग की प्रोसेस शुरू हो जाएगी । चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग हो रहा है । इस समय लोगों के मन में यह सवाल होगा कि वोटों की गिनती EVM से कैसे की जाती है। अगर आपको यह नहीं पता है तो आज हम आपको यह बताएंगे कि EVM से वोटों की गिनती कैसे होती है।
मतदान खत्म होते ही EVM को सील कर दिया जाता है, इसके बाद मशीन को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है। इन सभी मशीनों को एक निर्धारित स्थान पर जमा करवाया जाता है।
मतगणना केंद्र में रखी जाती हैं मशीने
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जहाँ सभी ईवीएम मशीन रखी जाती हैं उसे मतगणना केंद्र कहा जाता है पर, यहाँ पर चुनाव अधिकारी EVM को सील खोलते हैं और उन्हें एक ‘कंट्रोल यूनिट’ और ‘बैलट यूनिट’ में अलग कर ‘कंट्रोल यूनिट’ को एक ‘रीडिंग मशीन’ से जोड़ा जाता है। ‘रीडिंग मशीन’ EVM में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ती है और उसे एक ‘मतगणना शीट’ पर रिकॉर्ड करती है।
मतगणना शीट पर रिकॉर्ड किए गए वोटों की संख्या को विभिन्न उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या के साथ मिलान किया जाता है। यह मिलान ‘वोटिंग ऑफिसर’ और ‘पार्टी एजेंट’ की उपस्थिति में किया जाता है। वोटों की गिनती पूरी होने के बाद, ‘मतगणना अधिकारी’ परिणामों की घोषणा करते हैं।
EVM और VVPAT
2010 से, भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) का भी उपयोग किया जा रहा है। VVPAT एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो मतदाता द्वारा डाले गए वोट की एक पर्ची को प्रिंट करता है और उसे एक सुरक्षित बॉक्स में रखता है। VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।
EVM इलेक्ट्रॉनिक यंत्र हैं जो मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करते हैं। VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है। मतगणना प्रक्रिया ‘मतगणना अधिकारी’, ‘पार्टी एजेंट’ और अन्य अधिकारियों की देखरेख में होती है।
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