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इंजीनियर राशिद ने वक्फ बिल पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर साधा निशाना

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वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पास हो गया है. वक्फ बिल की चर्चा के दौरान जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, दुनिया को पता है कि बीजेपी ने खुलकर मुसलमानों को उनकी जगह याद दिलाई, यह सच्चाई है, इसमें कोई रोना है नहीं है, लेकिन जहां तक कांग्रेस की बात है तो यह सेक्युलरिज्म का खंजर डाल कर मुसलमानों के पीठ के पीछे घोंपते हैं. यह भी सच्चाई है.

उन्होंने बिल पास होने से पहले ही चर्चा के दौरान कहा था कि यह तो मालूम है कि बिल पास होना ही है क्योंकि नंबर इनके पास है. इस दौरान नंबर गेम को लेकर उन्होंने अल्लामा इकबाल के एक शेर को याद किया, जम्हूरियत इक तर्ज-ए-हुकूमत है कि जिस में बंदों को गिना करते हैं तौला नहीं करते

सांसद ने BJP-कांग्रेस को घेरा
सांसद इंजीनियर राशिद ने बिल का विरोध करते हुए 4 बातें कहीं. कांग्रेस पर हमला करते हुए इंजीनियर राशिद ने कहा, बाबरी मस्जिद का ताला तो राजीव गांधी ने खोला आप इनकार ही नहीं कर सकते बाकी इमारत उन लोगों (बीजेपी) ने बनाई. इस तरह UAPA का पौधा भी कांग्रेस ने लगाया. आर्टिकल 370 की बात करते हुए उन्होंने कहा कि 370 को तो कांग्रेस ने ही खोखला किया और जब चुनाव लड़ा अभी तो इन्होंने उमर साहब के साथ 370 के नाम पर वोट मांगे.

उन्होंने आगे गृह मंत्री अमित शाह को लेकर कहा कि वो कह रहे हैं कि आर्टिकल 370 में कुछ नहीं हुआ उमर साहब तो सरकार चला रहे हैं. इस पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा, जनाब वो तो आपने उनके हाथ में जो छोटे बच्चे को कहते हैं जब वो रोता है तो उसके हाथ में जहाज का खिलौना देते हैं, आपने वो जहाज का खिलौना दिया. सीएम उमर अब्दुल्ला को लेकर उन्होंने कहा कि वो तो खुद कहते हैं कि मैं तो म्युनिसिपालिटी का सीएम हूं.

साथ ही उमर अब्दुल्ला को लेकर उन्होंने कहा, उन में इतनी हिम्मत भी नहीं कि वो आप से यह कहे कि अगर 370 नहीं 35ए नहीं कम से कम राज्य का दर्जा तो वापस दे दीजिए. उन्होंने सरकार से कहा कि कश्मीर के लोगों से बात करने में आपको कौन सी चीज रोक रही है.

मुसलमानों से भी की बात
सांसद ने देश के मुसलमानों से कहा, हिन्दुस्तान के मुसलमान की अपनी पहचान है. इस पूरे हिन्दुस्तान में मुसलमानों का उतना ही अधिकार है जितना हमारे हिंदू भाइयों का है. भारतीय मुसलमानों को अपनी पहचान, अपनी वफादारी का प्रूफ बार-बार क्यों देना पड़ता है. मुसलमानों से राजनीतिक पार्टियों को लेकर उन्होंने कहा, आप इस नंबर गेम में मत पड़ो यह लोग पहले तलवार चला कर आपको जख्मी करते हैं और इनको वोट मिलता है और यह लोग उन जख्मों पर फिर थोड़ा मरहम लगा कर या नमक डाल कर वोट मारते हैं. आप बीच में मारे क्यों जा रहे हो. उन्होंने आगे कहा, अगर कल को प्रधानमंत्री भी आपका बनेगा तब भी आपकी तकदीर बदलने वाली नहीं है.

वक्फ बोर्ड को लेकर क्या कहा?
उन्होंने वक्फ बोर्ड को लेकर कहा कि मैं इस बिल के खिलाफ हूं लेकिन मुसलमानों को भी इस चीज को देखना है कि कहीं वक्फ की जमीनों का दुरुपयोग तो नहीं हुआ है, हम ने कितने अस्पताल बनाए, हमने कितनी यूनिवर्सिटी बनाई.

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