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ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा सुविधा: सांची-NDDB की साझेदारी से सहकारी समितियां बांटेंगी गैस और पेट्रोल

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भोपाल: केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नेशनल डेयरी विकास बोर्ड और मध्य प्रदेश डेयरी फेडरेशन के बीच एमओयू साइन हुआ. एमओयू के लिए एनडीडीबी के अध्यक्ष विनेश शाह मौजूद थे. अब प्रदेश में सांची दुग्ध संघ का संचालन नेशनल डेयरी विकास बोर्ड द्वारा किया जाएगा.भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि "मध्य प्रदेश में कृषि, डेयरी और सहकारिता के क्षेत्र में काफी संभावनाएं मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस एमओयू के बाद 25 लाख लीटर दुग्ध प्रतिदिन उत्पादन का लक्ष्य रखा है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री, सहकारिता मंत्री और एनडीडीबी के अधिकारियों के साथ बैठकर नए सिरे से लक्ष्य बनाने चाहिए."

शाह बोले काम करें, पैसों की व्यवस्था केन्द्र करेगी
अमित शाह ने कहा कि "मध्य प्रदेश में साढ़े 5 करोड़ लीटर दुग्ध उत्पादन होता है. यह देश का 9 फीसदी है, लेकिन इसमें से सहकारी डेयरी में 1 फीसदी से कम है. मध्य प्रदेश दुग्ध संघ को अनुबंध के साथ आगे बढ़ना है. लक्ष्य बताया गया कि 24 लाख लीटर दुग्ध उत्पादन को ले जाएंगे. जब किसान अपना दूध ओपन बाजार में बेचने जाता है, तो उसका शोषण होता है.
हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि हर गांव के किसान को दुग्ध संघ से जोड़ा जाए और इससे बनने वाले उत्पादों का फायदा किसानों तक पहुंचे. दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर प्रासेसिंग यूनिट भी लगाना है. मध्य प्रदेश में सरप्लस दूध साढ़े तीन करोड़ लीटर में से सिर्फ ढाई फीसदी ही दूध सहकारी समिति तक आता है.
अभी 17 फीसदी गांवों में ही दूध के कलेक्शन की व्यवस्था है. इस अनुबंध से 83 फीसदी गांवों तक पहुंचने का रास्ता खुल गया है. प्रदेश में शहरी दूध की मांग ही 1 करोड़ 20 लाख लीटर प्रतिदिन है. अगले 5 साल में 50 फीसदी गांवों में सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य रखें, क्योंकि अभी 7 हजार ग्रामीण क्षेत्रों में ही दुग्ध सहकारी समितियां हैं."

मुख्यमंत्री नया और बढ़ा लक्ष्य बनाएं
अमित शाह ने कहा कि "प्रदेश में जरूरत पड़ी तो केन्द्र की दूसरी योजनाओं से भी मध्य प्रदेश के किसानों की मदद की जाएगी. अनुबंध के बाद गुणवत्ता की जांच और किसान को हर सप्ताह भुगतान, इसके लिए नीति निर्माण और ब्रांडिंग का भी काम करना होगा. इसलिए आग्रह है कि 24 लाख लीटर का जो लक्ष्य रखा है, उसे बदलना चाहिए.साथ ही गांवों की सहकारी समितियों का लक्ष्य भी बढ़ाना होगा. प्रदेश में सहकारी आंदोलन को बढ़ाना होगा. सहकारी मंत्री और मुख्यमंत्री एनडीडीबी के साथ बैठकर नए सिरे से लक्ष्य निर्धारित करे. यदि वित्तीय मदद की जरूरत है, तो केन्द्र सरकार के दूसरे वित्तीय संस्थाओं से आर्थिक मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि अनुबंध के बाद अब रास्ता मार्गीय हो गया है, लेकिन आगे अब इसे छह मार्गीय बनाने का काम आपका है."

गैस भी बांटेगी सहकारी समितियां
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि "केन्द्र सरकार ने प्राइमरी सोसायटी और पैक्स के लिए एक मॉडल बायलॉज बनाया. इसे सभी राज्यों की सरकारों ने स्वीकार किया है. पैक्स सोसायटियां निचले स्तर पर कई तरह के काम करते हैं. जल वितरण, पेट्रोल पंप संचालन, दवा दुकान, गैस बांटने से लेकर रेलवे तक के बिल बनाने तक के 300 तरह के काम पैक्स के माध्यम से किए जाएंगे.मध्य प्रदेश सरकार ने पैक्स के कम्प्युटराइजेशन में नंबर एक स्थान हासिल किया है. ऑनलाइन ऑडिट हो इसकी व्यवस्था हो गई है. किसानों के उत्पादन को विदेश बेचने के लिए एक्सपोर्ट कॉपरेटिव बनाया है. अगले 20 साल में अमूल से भी बड़े समूह बनने जा रहे हैं."

मुख्यमंत्री बोले दुग्ध उत्पादन से बढ़ेगी आय
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि "मध्य प्रदेश का दुग्ध उत्पादन अभी 9 फीसदी है. इसके बढ़ाकर 20 फीसदी करना है. मध्य प्रदेश में कृषि विकास दर के लिए देश में अलग पहचान बनी है. पशुपालन के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश बेहतर काम करेगी. आने वाले समय में मध्य प्रदेश सरकार किसानों से गाय का दूध खरीदेगी.
दुग्ध उत्पादन से प्रदेश में किसानों की आय ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन बढ़ने से परिवार में भी पोषकता मिलेगी. मध्य प्रदेश में सहकारिता से पेट्रोल पंप और दवाई की दुकान भी चलेगी. सहकारिता बहुत बड़ा क्षेत्र है. आने वाले समय में दूसरे क्षेत्रों को भी सहकारिता से जोड़ेंगे.
 

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